‘
अक्साई चिन
’
चीन
ने
भारत
से
कैसे और क्यों छीना
? जानिए
पूरी कहानी
हालही में
चीन
ने
ग्लोबल टाइम्स अख़बार
में
भारत को धमकी
देते हुए कहा कि
गलवान घाटी डोकलाम नहीं है.
यह
अक्साई चिन
का हिस्सा है जो
शिनजियांग प्रांत
में आता है, और हमारे पास
एडवांस इंफ्रास्ट्रक्चर
की
एडवांटेज
है.
यदि
भारत
ने कोई भी
गलती
की तो भारत को इसकी बड़ी
भारी कीमत चुकानी होगी.
दरअसल
चीनी सैनिक
अभी जिस जगह पर
बैठे हैं
वह है
अक्साई चीन
, जोकि
भारत का हिस्सा था
और
चीन
ने उस पर
कब्जा
कर लिया था.
सन 1865
में हुए एक
सर्वे
में यह बताया गया था कि
जॉनसन लाइन
के हिसाब से
अक्साई चिन भारत
का
हिस्सा
है.
लेकिन
सन 1899
में एक
ब्रिटिश सर्वेयर
ने
मैकार्ने मैकडोनल्ड लाइन
के हिसाब से
अक्साई चिन
को
चीन का हिस्सा
बताया.
तभी से
विवाद शतकों
तक
चला
और फिर
सन 1962
के
युद्ध
के बाद
चीन
ने
अक्साई चिन
पर
कब्जा
कर लिया.
अब
सवाल
ये उठता है कि
चीन
ने ऐसा
क्यों और कैसे
किया
, और
क्या भारत
इसे
चीन से
वापस ले सकता है?
दरअसल
चीन
के लिए
अक्साई चिन
बहुत ही
अहम
है, क्योकि ये
सेंट्रल एशिया
की
सबसे ऊँची जगह
है.
कहा जाता है कि
भारत
की
तत्कालिक सरकार
द्वारा
ध्यान नहीं
देने की वजह से
भारत ने अक्साई चिन खो दिया.
अब देखना ये होगा कि क्या
तत्कालिक सरकार
कश्मीर की तरह अक्साई चिन
को भी
अपना बना पाती है या नहीं.
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