जानिए होली क्यों मनाई जाती है->>

प्राचीन काल में दैत्यराज हिरण्यकश्यप को ब्रह्मा जी से किसी भी जीव, शस्त्र अस्त्र और किसी भी समय नहीं मरने का वरदान मिला था।

दैत्यराज  हिरण्यकश्यप  के पुत्र प्रहलाद श्री हरि विष्णु के परम भक्त थे जो हिरण्यकश्यप को नापसंद था

भक्त प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप ने पुत्र को बहुत सी यातनाएं दी जिससे वेट नारायण की भक्ति छोड़ दे

हिरण्यकश्यप ने फिर बहन होलिका से पुत्र प्रहलाद को मारने का आग्रह किया

होलिका जिसे भगवान भोलेनाथ से आग में नहीं जलने का वरदान प्राप्त था, वह प्रहलाद को आग में लेकर बैठ गई

मगर आग में मासूम भक्त प्रहलाद नहीं जले बल्कि होलिका आग में जलकर भस्म हो गई।

इसलिए बुराई पर अच्छाई की जीत के कारण होली मनाई जाती है और होलिका दहन करने के बाद लोग रंगों से खेलकर इस खुशियों के त्योहार को मनाते हैं।

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