संघर्षों से भरी थी मुलायम सिंह यादव की जिंदगी, ऐसा था `नेता जी` बनने का सफर  

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। 

यूपी के इटावा जिले में स्थित सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को मुलायम सिंह यादव का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। 

मुलायम सिंह यादव राजनीति में आने से पहले शिक्षक थे। 

एक बेहद साधारण से परिवार में जन्में मुलायम सिंह की शुरुआती जिंदगी मुश्किलों से भरी थी पर चुनौतियों से निपटना उन्हें अच्छी तरह से आता था। 

मुलायम सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत साल 1960 से की।  

सबसे पहले उन्होंने राम मनोहर लोहिया और राज नारायण जैसे बड़े नेताओं के साथ आंदोलन में हिस्सा लिया। 

मुलायम सिंह यादव के पिताजी उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे। लेकिन बेटे ने राजनीति का रास्ता चुना और उसपर चलना शुरू हो गया। 

साल 1976 से उत्तर प्रदेश की जसवंत नगर विधानसभा से उन्हें टिकट मिला। गांव वालों के साथ के कारण उन्होंने विधायक के तौर पर अपनी शुरूआत की। वो इस जगह से आठ बार विधायक रह चुके हैं। 

साल 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू करने के दौरान मुलायम सिंह की गिरफ्तारी हो गई। जिसके कारण उन्हें 19 महीने जेल में रहना पड़ा । 

साल 1977 में वो पहली बार राज्य मंत्री बने। साल 1982 में वो उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में चुने गए और साल 1985 तक इस पद पर कार्यरत रहे।

साल 1987 में बोफोर्स घोटाले के दौरान उन्होंने संयुक्त मोर्चा की स्थापना की। जिसके बाद उन्होंने पहली बार उत्तर प्रदेश के सीएम के रूप में शपथ ली। 

साल 2003 में बीजेपी के सपोर्ट से मुलायम सिंह यादव तीसरी बार उत्तर प्रदेश के सीएम बने। 

मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री पद पर भी रह चुके हैं और सहकारी बैंक के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। 

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