बायो जेट फ्यूल टेक्नोलॉजी, बायो फ्यूल कैसे बनता है, बायो फ्यूल संबंधी ट्रायल्स (Biojet Fuel Technology, Biojet Fuel Production, Trials of Biojet Fuels)
हाल ही में ये खबर आई है कि भारत के मिलिट्री विमानों में बायो जेट फ्यूल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। ये पूर्णतया एक स्वदेशी तकनीक होगी। ये निर्णय इस तथ्य को भी दर्शाता है कि भारत बायोफ्यूल के क्षेत्र में उन्नति कर रहा है और आत्मनिर्भरता को अपना रहा है। तो आइए इस आर्टिकल के माध्यम से समझते हैं बायो जेट फ्यूल टेक्नोलॉजी के महत्व और विशेषताओं को।
कैसे बनाया जाता है बायो फ्यूल (Biojet Fuel Production)
बायो फ्यूल को खाद्य सामग्री से जुड़े तेल,पेड़ आदि से निकालनेवाले तेल, तिलहन से जुड़ी फसले आदि से बनाया जाता है। इस बायोफ्यूल में सल्फर की मात्रा कम होती है। फलस्वरूप, इस फ्यूल से वायु प्रदूषण की संभावना घट जाती है। बायो फ्यूल का प्रयोग नेट जीरो ग्रीनहाउस गैस एम्मिशन के लक्ष्य की पूर्ति हेतु भी लाभकारी है। इसके अलावा ये उन आदिवासियों और कृषकों के लिए भी रोजगार की संभावना को भी बढ़ाएगा जो तेल संबंधी उत्पादन से जुड़े हैं।
कब कब हुए बायो फ्यूल संबंधी टेस्ट (Trials of Biojet Fuels)
बायो फ्यूल के प्रयोग संबंधी नतीजों पर पहुंचने से पहले कई ट्रायल्स किए गए हैं। आपको बता दे कि इन ट्रायल्स को करीबन तीन वर्षो से किया जा रहा है। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने इस टेक्नोलॉजी को बनाने के लिए कई परीक्षण किए हैं ताकि ये टेक्नोलॉजी भारतीय आर्मी के काम आ सके। ग्रीन फ्यूल से संबंधित कुछ टेस्ट इस प्रकार हैं:
- स्पाइसजेट में ग्रीन फ्यूल का प्रयोग 27 अगस्त 2018 को देहरादून से दिल्ली की फ्लाइट में किया गया था।
- तीस जनवरी,2020 को रूसी एयरक्राफ्ट लेह एयरपोर्ट से ग्रीन फ्यूल की मदद से उड़ा।
- छब्बीस जनवरी,2019 को मिक्सड बायो जेटफ्यूल ए एन 32 एयरक्राफ्ट राजपथ से उड़ा था।
बायो फ्यूल के फायदे (Benefits of Biofuels)
- उत्पादन में आसानी।
- स्टोरेज भी सरल होता है।
- पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव कम रहता है। कार्बन फुटप्रिंट इंप्रूव होगा।
- वेस्ट मैनेजमेंट में सहायक।
- रोजगार के अवसर में बढ़ोतरी।
- एसडीजी गोल्स को पूरा करने में सहायक।