महिलाओं की आबादी पुरुषों के मुकाबले ज्यादा, राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) सैंपल सर्वे ( More Female population, NFHS Sample Survey)
सदियों से भारत एक पुरुष प्रधान देश रहा है और महिलाओं के आंकड़े हमेशा से ही कम रहें हैं। लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है की भारत देश में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा हुई हो। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण द्वारा किए गए सर्वे में यह बात पता चली है कि महिलाओं के आंकड़े पुरुषों से ज्यादा हो गए हैं। पहले समय में महिलाओं की संख्या पुरुषों से बहुत कम थी। देखते देखते अब यही संख्या बढ़ती जा रही है। हम इस आर्टिकल के माध्यम से इस विषय पर चर्चा करेंगे।
राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) सैंपल सर्वे (NFHS Sample Survey)
राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) द्वारा सर्वे किया गया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 24 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज की जिसके मुताबिक महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले बढ़ती दिखाई दे रही है। आंकड़ों की माने तो अभी के समय में हर हजार पुरुषों पर 1020 महिलाएं हो चुकी हैं। पहले के समय की बात करें तो वर्ष 1990 में यही आंकड़ा महिलाओं के लिए 927 पर था। वही 2015 से 2016 में हर हजार पुरुषों पर 991 महिलाएं थीं। मगर अब महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा हो गई है। भारत के कुछ राज्यों में इसकी संख्या बढ़ती जा रही है जो एक महत्वपूर्ण विकास की ओर इशारा करती दिख रही है।
महिलाओं की जनसंख्या अधिक (Female Population Surpasses)
यह वाकई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि भारत देश शुरू से ही एक पुरुष प्रधान देश रहा है। ऐसे में महिलाओं की बढ़ती संख्या के आंकड़ों के निकलने के बाद यह एक उपलब्धि से कम नहीं। साथ ही साथ प्रजनन में भी कमी देखी गई है। आपको यह भी बता दें कि 2019 से 2021 में 15 साल से कम उम्र की जनसंख्या 34.9 फीसदी घटकर 26.5 फीसदी हो गई है। प्रजनन संख्या में भी गिरावट आई है इसके परिणाम स्वरूप एक महिला के जीवन काल में बच्चे को जन्म देने की संख्या 2.2 से 2 हो गई है। इन सभी आंकड़ों के साथ-साथ गर्भनिरोधक के इस्तेमाल में भी काफी बढ़ोत्तरी बताई गई है। इसके लिए महिला सशक्तिकरण के उपाय और गतिविधियां सराहनीय है।