भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक, महत्वपूर्ण बिंदु, भारत-रूस संबंध (India-Russia Annual Summit, Important Points, India-Russia Relationship)
भारत रूस वार्षिक शिखर बैठक दिसंबर के महीने में होने जा रही है। इस सिलसिले में रूस के राष्ट्रपति पुतिन छह दिसंबर को भारत आने वाले हैं। वार्षिक शिखर बैठक में रक्षा एवं सुरक्षा सहित कई मामलों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक के ज़रिए दोनो देशों के संबंधों में और भी मजबूती लाने की कोशिश भी की जाएगी। वार्षिक शिखर बैठक से पहले 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता भी होगी जिसमें भारत और रूस के विदेश और रक्षा मंत्री शामिल होंगे। तो आइए, इस आर्टिकल के माध्यम से जानें होने वाले भारत रूस वार्षिक शिखर बैठक के बारे। इसके साथ ही ये आर्टिकल भारत रूस के संबंधों पर भी प्रकाश डालेगा।
भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक महत्वपूर्ण बिंदु (India-Russia Meeting Important Points)
- 21वी भारत रूस वार्षिक शिखर बैठक कॉविड 19 के कारण समय पर नहीं हो पाई थी और इसे स्थगित कर दिया गया था। पिछले बीस वर्षो में ये पहली बार हुआ था जब इस बैठक को स्थगित किया गया हो।
- भारत रूस वार्षिक शिखर बैठक में भारत और रूस के संबंधों को और भी मजबूत बनाने के लिए चर्चाएं की जाएंगी।
- भारत और रूस मिल कर सुरक्षा संबंधी मामलों पर चर्चा करेंगे।
- चर्चा का एक विषय अफगानिस्तान में हो रही घटनाएं भी होंगी।
- दोनो पक्ष एससीओ यानि शंघाई सहयोग संगठन एवं रूस भारत और चीन की बैठक पर भी विचार साझा करेंगे।
- उम्मीद है दोनो पक्ष कारोबार, निवेश आदि से संबंधित क्षेत्रों में भी समझौते करेंगे।
- भारत और रूस के बीच सैन्य तकनीकी मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
- इन मसलों के अलावा कॉविड 19 और वैक्सिनेशन के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
- S-400 की सप्लाई की शुरुआत के बाद ये बैठक और भी अहम हो जाती है।
- BRICS सम्मेलन 2919 के बाद ये मुलाकात भारत के प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति की आमने सामने की पहली मुलाकात होगी।
भारत रूस संबंध ( India-Russia Relationship)
भारत और रूस को एक दूसरे के सहयोगियों के रूप में जाना जाता है। हालाकि कभी कभी भारत रूस के संबंधों में खटास आने के भी कयास लगाए जाते हैं। 1971 में हुई सोवियत संघ और भारत की मैत्री और सहयोग संधि के पचास वर्ष पूरे हो चुके हैं। इन वर्षों में रूस भारत के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों में भी खड़ा रहा है।कभी कभी अमेरिका पर भारत और रूस के संबंधों को कमजोर बनाने का आरोप भी लगता है।पर परिस्थिति चाहे जो हो, भारत और रूस के प्रगाढ़ संबंध क्षेत्र की सुरक्षा और प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।