चेटीचंद जयंती 2023, कब है (झुलेलाल जयंती) (Cheti Chand Jayanti in Hindi)

चेटीचंद जयंती 2023, कब है (झुलेलाल जयंती), कब मनाया जाता है, शुभकामनायें, भजन, आरती, चालीसा, कहानी (Cheti Chand Jayanti in Hindi) (Jhulelal Jayanti, Bhagwan Aarti, Festival, Kab hai, Sindhi Samaj)

चेटीचंद झूलेलाल इन्हें कोई संत कहकर पुकारता है, तो कोई फकीर कहता है। हिंदू हो या फिर मुस्लिम हर एक व्यक्ति इन्हें पूजता है। इतना ही नहीं सिन्धी समाज के लोग तो इन्हें ब्रह्मा, विष्णु, महेश, ईशा, अल्लाह से भी बढ़कर पूजते हैं। इनके कई अलग-अलग नाम भी है जिनसे इनकी पहचान की जाती है। जैसे- उदेरोलाल, घोड़ेवारो, जिन्दपीर, लालसांई, पल्लेवारो, ज्योतिनवारो, अमरलाल आदि। ऐसा कहा जाता है कि ये जल देवता वरुण का अवतार हैं। इनकी आराधना के लिए भक्त दीपक जलाकर पानी में रखते हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से ये सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। इन्हीं के जीवन के बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।

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चेटी चंद जयंती 2023, (झुलेलाल जयंती) (Cheti Chand Jayanti in Hindi)

नामउदयचंद/ संत झूलेलाल
जन्म स्थानठठा नगर, नसरपुर, सिन्ध प्रान्त, वर्तमान पाकिस्तान
जन्मचैत्र शुक्ल द्वितीया संवत 1007
वंशअरोड़वंशी
माता का नामदेवकी जी
पिता का नामताराचंद
पेशासंत
गुरूजल देवता
राज्यसिन्ध प्रान्त
धर्महिंदू
राष्ट्रीयताभारतीय
2023 में जयंती22 मार्च

चेटीचंद झूलेलाल का जन्म एवं परिवार (Cheti Chand Jhulelal Birth and Family)

चेटीचंद झूलेलाल का जन्म चैत्र शुक्ल 2 संवत 1007 को हुआ था। इनके जन्म से जुड़ी कई सारी पौराणिक कथाएं लोगों के बीच काफी प्रचलित हैं। इन सभी कहानियों के अपने-अपने उल्लेख हैं। उसमें उनके पिता ताराचंद और माता देवकी का भी वर्णन है।

चेटीचंद झूलेलाल कौन थे (Who is Cheti Chand Jhulelal)

ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने हिंदू सिन्धी समाज की रक्षा की और मिरक शाह जैसे शैतान का अंत किया। अपने नाम चरितार्थ करते हुए उदयचंद जी ने सिंध के हिंदूओं के जीवन के अंधेरे को खत्म किया और हर तरफ उजाला फैलाया। पहले उन्हें भगवान का रूप नहीं मानते थे। लेकिन जन्म के बाद से ही उन्होंने चमत्कार करने शुरू कर दिए। जिसके कारण हर कोई भगवान का रूप मानने लगा। उनके चमत्कार को देखकर हर कोई हैरान रह गया। जिसके बाद से हर किसी ने उनकी पूजा की और उनकी बातें सुनना शुरू किया।

चेटीचंद झूलेलाल का शुरुआती जीवन (Cheti Chand Jhulelal Early Life)

झूलेलाल जी को उदेरो लाल भी कहा जाता है। संस्कृत में इसका मतलब है कि जो पानी के करीब रहता है या पानी में तैरता है। जब वो छोटे थे तो उन्हें झूले में झूलना काफी पसंद था। वह उसी पर आराम करते थे। इसी के कारण उनका नाम झूलेलाल पड़ गया था। उनकी मां प्यार से उन्हें झुल्लन बुलाया करती थी। लेकिन कुछ समय बाद उनकी मां का देहांत हो गया। जिसके कारण उनको बड़ा किया उनकी सौतेली मां ने ही किया।

चेटीचंद झुलेलाल की कहानी और इतिहास (Cheti Chand Jhulelal Story and History)

ऐसा कहा जाता है कि पहले सिंध में हिंदू राजा का शासन हुआ करता था। राजा धरार आखिरी हिंदू राजा थे। जिन्हें मोहम्मद बिन कासिम ने हराया था। हिंदू राजा के हारने के बाद हर तरफ इस्लाम समाज बढ़ता चला गया। जिसके कारण हर बार इस्लाम के राजा ने वहां राज किया। दसवी सदी के दूसरे भाग में सिंध के थट्टा  राज्य में मकराब खान का शासन चल रहा था। जिसे शाह सदाकत खान ने मार डाला और मिरक शाह नामक देकर गद्दी अपने नाम कर ली। उनका कहना था कि, दुनिया में इस्लाम बढ़ेगा तो जन्नत मिलेगी। इसके कारण उन्होंने हिंदूओं पर जुल्म करने शुरू कर दिये। जिसके बाद हिंदूओं ने सिन्धू नदी के पास इक्कठा होकर पूजा की। उन्होंने विपदा से बचने के लिए जल देवता दरियाशाह की उपासना की। जिसके बाद ये आकाशवाणी हुई कि, नासरपुर में देवकी और ताराचंद के यहां एक बालक का जन्म होगा। जो हिंदूओं का रक्षक कहलाएगा।

चेटीचंद झुलेलाल द्वारा किए गए काम (Cheti Chand Jhulelal Works)

चेटीचंद झुलेलाल का जब जन्म हुआ तो हिंदूओं से पूछा गया कि वो इस्लाम अपनाना चाहते हैं या फिर मृत्यृ चाहते हैं। तब उन लोगों ने मिरक शाह से समय लिया। उनका सोचना था कि अगर उन्हें समय मिल जाएगा तो हमारा रक्षक बड़ा हो जाएगा। जिसके बाद वो हमारी रक्षा कर पाएगा। लेकिन मिरक शाह को इसकी भनक पड़ गई। जिसके उसने उस बच्चे की खोज करनी शुरू कर दी। इसके बाद उसने उस बच्चे को मारने का आदेश दिया।

वहीं दूसरी ओर झुलेलाल समय के साथ बढ़ते होते जा रहे थे। उनके बचपन में किए गए कार्यों के चर्चे काफी दूर-दूर तक हो रहे थे। वहीं मिरक शाह उनकी कहानियों के चर्चे सुनकर थक गए थे। उसके बाद उसने उदयचंद को बंदी बनाने की बात कही। लेकिन तभी एक चमत्कार हुआ जहां उनकी मुलाकात होने वाली थी। वहां इतनी बारिश हुई कि भयानक बाढ़ आ गई। जिसके कारण वहां सब नष्ट हो गया। मिरक शाह भी उसमें फंस गया। उसे भागने की कोई भी जगह नहीं मिली। जिसके बाद उसने झुलेला से प्रार्थना की और ये कहा कि, हिंदू मुस्लिम सब भाई-भाई है। सभी भगवान के बच्चे हैं। अब से कोई भी किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कराएगा। ऐसे झुलेलाल ने हिंदूओं को बचाया।

चेटी चंद झुलेलाल की आरती (Jhulelal ji Aarti)

ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा।

पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा।। ॐ जय…

तुहिंजे दर दे केई सजण अचनि सवाली।

दान वठन सभु दिलि सां कोन दिठुभ खाली।। ॐ जय…

अंधड़नि खे दिनव अखडियूँ – दुखियनि खे दारुं।

पाए मन जूं मुरादूं सेवक कनि थारू।। ॐ जय…

फल फूलमेवा सब्जिऊ पोखनि मंझि पचिन।।

तुहिजे महिर मयासा अन्न बि आपर अपार थियनी।। ॐ जय…

ज्योति जगे थी जगु में लाल तुहिंजी लाली।

अमरलाल अचु मूं वटी हे विश्व संदा वाली।। ॐ जय…

जगु जा जीव सभेई पाणिअ बिन प्यास।

जेठानंद आनंद कर, पूरन करियो आशा।। ॐ जय…

चेटीचंद झुलेलाल की जयंती 2023 में कब है (Cheti Chand Jhulelal Jayanti 2023)

चेटी चंद झुलेलाल जयंती साल 2023 में 22 मार्च को चैत्र शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाई जाएगी। इसे पाकिस्तान में भी सिन्धी लोग मनाते हैं। इस दिन चांद कई दिनों बाद पूरा दिखाई देता है। जिसके कारण इस दिन सभी लोग जल देवता की आराधना करते हैं। चेटी चंद का ये त्योहार सिन्धी लोग अपने इष्ट देवता की याद में मनाते हैं। इस दिन कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। जिसमें जूलूस निकाले जाते हैं और प्रसाद बांटा जाता है।

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FAQ

Q : चेटीचंद झुलेलाल जयंती कब मनाई जाती है?

Ans : चैत्र शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है।

Q : चेटीचंद झुलेलाल जयंती इस बार कब पड़ रही है?

Ans : इस बार 22 मार्च को पड़ रही है।

Q : चेटीचंद झुलेलाल कौन थे?

Ans : सिंधी समाज के लोगों के भगवान थे।

Q : चेटीचंद झुलेलाल ने क्या किया था?

Ans : हिंदू समाज को इस्लाम से बचाया था।

Q : चेटीचंद झुलेलाल ने किसे भगाया था?

Ans : चेटी चंद झुलेलाल ने मिरक शाह को भगाया था।

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