गिलोय के प्रकार, फायदे व नुकसान | Giloy Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi

गिलोय के प्रकार, फायदे व नुकसान, खाने का तरीका, विधि, चूर्ण, जूस, पौधे लगाने का तरीका, (Giloy ke Fayde, Nuksan in Hindi), (Juice, Vati, Plant, Ped, Tablets, Uses)

आजकल लोग घरेलू रूप में अनगिनत बीमारियों से बचने के लिए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं और ऐसे में आपके लिए सबसे ज्यादा असरदार गिलोय या फिर गुडूची और इसे अंग्रेजी में टीनोस्पोरा के नाम से जानते हैं. यह औषधि युक्त पौधा उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है और ज्यादातर इसे भारत म्यांमार और श्रीलंका में इसे देखा जाता है. गिलोय के जूस का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ावा होता है और हमें अनेकों बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है. आज हम इस लेख के माध्यम से आप सभी लोगों को इस लाभकारी औषधि के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं.

giloy ke fayde nuksan in hindi

गिलोय के प्रकार

गिलोय को पंजाबी में गल्लो, पाली में गलोची और बंगाली में गुलचा एवं मराठी में गुडूची के नाम से जानते हैं. गिलोय का पौधा लता युक्त पौधा होता है और इस पौधे की लतिकाएँ 15 सेंटीमीटर तक फैली होती है.इस औषधि के पत्ते पान के पत्ते के सामान और दिल के आकार के जैसे दिखाई देते हैं. गिलोय का पौधा पहाड़ि या फिर कठोर मिट्टी में उगता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है, कि यह दूसरे पेड़ के सहारे उन पर विकसित होकर लतिकाएँ फैलाता है और जिस पेड़ पर यह विकसित होता है उस पेड़ के सारे अच्छे गुण इस औषधि पौधे के अंदर समाहित हो जाते हैं. यदि यह पौधा आपको नीम के पेड़ पर विकसित दिखाई दे तो आप समझ लीजिए कि इस पौधे के अंदर नीम के सारे अच्छे गुण अपने आप समाहित हो जाते हैं और इससे यह सबसे अच्छा औषधि युक्त पौधा माना जाता है.

गिलोय का इतिहास

हमारे देश में गिलोय के पौधे का इस्तेमाल औषधि के रूप में हजारों वर्षों से किया जा रहा है. हमारे देश में फार्माकोपिया में इस पौधे को आधिकारिक रूप से मान्यता प्रदान की गई है.इस पौधे का इस्तेमाल हमारे देश में औषधि के रूप में सभी प्रकार की सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है जैसे कि सामान्य कमजोरी, बुखार, पेचिश, गोनोरिया, मूत्र रोग, हेपेटाइटिस, त्वचा रोग और एनीमिया जैसे रोगों के इलाज में इसे काफी लाभकारी औषधि के रूप में माना जाता है. ज्यादातर प्राचीन औषधि प्रणाली में चिकित्सक लाभकारी पौधे का उपयोग सभी दवाओं के निर्माण के घटक के रूप में किया करते थे और आज भी प्राचीन औषधि प्रणाली में किया जाता है.इस पौधे के जड़ को हाथ के बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल में मुख्य रूप में किया जाता है.

वनस्पति के रूप में गिलोय का वर्गीकरण

इस औषधि युक्त पौधे का सेवन इतना ज्यादा लाभकारी है कि यह कैंसर के सेल को रोकने की क्षमता रखता है और इसके अतिरिक्त कुष्ठ रोग, पीलिया, स्वाइन फ्लू जैसे रोगों से भी मनुष्य के शरीर को सुरक्षित रखने में कारगर है. लाभकारी औषधि युक्त पौधे का वैज्ञानिक वनस्पति नाम टीनोस्पोरा कोर्दिफोलिया हैं.

गिलोय को खाने के फायदे

कई बड़े रोग विशेषज्ञ और चिकित्सा अनुसंधान केंद्रों में गिलोय को काफी ज्यादा औषधि युक्त और रोग के निवारण के लिए एक अच्छा पौधा कहा जाता है. आज के समय में गिलोय का इस्तेमाल दवा के रूप में इसके पौधे के रस, पाउडर और कैप्सूल के रूप में किया जाता है. आइए जानते हैं, गिलोय के अनगिनत सेवन के पौधों के बारे में जो इस प्रकार से निम्न है.

  • गिलोय के अंदर अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है और इस पौधे को एंटीऑक्सीडेंट का सबसे बड़ा और मुख्य स्रोत संग्रहण के रूप में माना जाता है. आज के समय की बीमारियों और कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने हेतु यह पौधा रोग प्रतिरोधक की वृद्धि में काफी ज्यादा लाभकारी माना जाता है. यह शरीर में मौजूद खराब तत्वों को शरीर से बाहर करता है और हमारे शरीर में खून को भी फिल्टर करने का काफी अच्छा काम करता है.
  • कई बड़े वनस्पति चिकित्सकों का कहना है, कि गिलोय बुखार जैसी समस्याओं के निवारण में भी काफी कारगर है. इसके सेवन से हम डेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों को खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. यह लाभकारी पौधा हमारे शरीर में मौजूद वाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने में भी काफी ज्यादा लाभकारी होता है. अगर अब मलेरिया जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं,तो आप इसे शहद के साथ सेवन करें, तो इस बीमारी से आपको राहत मिल जाएगी.
  • अगर आप शुगर टाइप 2 की बीमारी से पीड़ित है, तो आप इस पौधे का सेवन इस बीमारी के नियंत्रण और इलाज के लिए कर सकते हैं. इस बीमारी से निजात पाने के लिए आपको गिलोय के रस का सेवन नियमित रूप से करना है और फिर आपको जल्द ही शुगर टाइप 2 के बीमारी में नियंत्रण और सुधार नजर आने लगेगा.
  • मन अशांत और शरीर को रिलैक्स फील कराने के लिए आप गिलोय का सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं. इसके सेवन से याददाश्त में वृद्धि होती है और साथ ही आपके शरीर से अवशिष्ट पदार्थों को निकाल कर यह आप को शांति प्रदान करने में सहायक होता है.
  • अगर आप सांस की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में यह आपके लिए एक चमत्कारी औषधि के रूप में सहायक हो सकता है. इसके सेवन से आप कफ, सर्दी और टोसिल जैसी बीमारी से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.
  • अगर आप गठिया रोग जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो आपकी पौधे के पाउडर को गर्म दूध और अदरक के साथ सेवन करें तो आपको गठिया रोग जैसे समस्याओं से निजात मिल सकता है.
  • अगर आप आंखों की रोशनी से परेशान हैं और बिना किसी महंगी दवाइयों के आप अपनी आंखों की रोशनी को दोबारा से बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको गिलोय के पाउडर को गर्म पानी में डालना है और पानी को ठंडा होने पर इसे अपने पलकों और आंखों को धोना है, ऐसा करने से आपकी आंखों की रोशनी में धीरे-धीरे वृद्धि होने लगेगी.
  • आज के समय में ज्यादातर लोग प्रदूषण के कारण त्वचा से संबंधित समस्याओं से परेशान रहते हैं और यदि आप त्वचा रोग से संबंधित समस्याओं का निवारण करना चाहते हैं, तो आप गिलोय का इस्तेमाल कर सकते हैं. गिलोय के गंभीर रोगों के निवारण में काफी ज्यादा लाभकारी माना जाता है.

गिलोय त्वचा के लिए लाभदायक

अगर आप बढ़ती उम्र के वजह से त्वचा में होने वाले झुर्रियों से परेशान हैं और आपके चेहरे पर कील मुंहासे आदि हमेशा उत्पन्न होते रहते हैं, तो आप गिलोय के बीज के पाउडर को बनाएं. गिलोय के पाउडर का लेप तैयार करके आप अपनी त्वचा पर इसका इस्तेमाल करें और फिर आपको यह कील, मुंहासे, झुर्रियां डार्क सर्कल्स जैसे त्वचा से संबंधित परेशानियों से निजात दिलाएगा. इसीलिए इसे त्वचा रोग विशेषज्ञ औषधि का नाम भी दिया गया है.

गिलोय को कैसे खाएं

गिलोय का सेवन अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग तरीकों के जरिए किया जाता है. यदि आपको अर्थराइटिस की समस्या है, तो आपको इसे ठीक करने के लिए अदरक के साथ सेवन करना होगा. गठिया जैसी समस्याओं को ठीक करने के लिए इसे अरंडी के तेल के साथ घटिया पीड़ित शरीर के स्थान में इसका लेप लगाना होगा. इसके अतिरिक्त घटिया से निजात पाने के लिए आपको इसे घी के साथ खाना भी होता है.कब्ज जैसी समस्याओं से निजात पाने के लिए आपको इसका सेवन गुड़ के साथ करना होगा.शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा को बढ़ाने के लिए आपको गिलोय को चाय के रूप में सेवन करना चाहिए और यह आपके लिए इस रूप में काफी ज्यादा लाभकारी भी होती है. गिलोय का चाय बनाने के लिए नीचे बताए गए नियमों का पालन करें.

  • सबसे पहले आपको गिलोय के चार पांच पत्ते साफ करके रख लेने हैं और फिर अपने अनुसार आधा या एक कप पानी को उबालना है.
  • अब इसमें आपको चार पांच कालीमिर्च आधा चम्मच जीरा और फिर शहद या शक्कर को मिलाना है.
  • फिर कुछ समय बाद जब आपको चाय का रंग हल्का भूरा दिखाई देने लगे तो आप इसे फ्लेम पर से उतार लें और फिर इसे चाय के रूप में पिए.
  • गिरोह के चार के सेवन से आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है और आपका मस्तिष्क स्वस्थ और खुद को रिफ्रेश महसूस करता है.इसके अतिरिक्त आपके मस्तिष्क के याददाश्त में भी गिलोय की चाय के सेवन से वृद्धि होती है.

गिलोय के जूस के फायदे

गिलोय का जूस शरीर में मौजूद रक्त को शुद्ध करने के लिए काफी ज्यादा लाभकारी माना जाता है. इसके अतिरिक्त यदि हम गिलोय के जूस का नियमित रूप से सेवन करें तो हम त्वचा रोग से संबंधित सभी प्रकार की गंभीर समस्याओं से निजात प्राप्त कर सकते हैं. गिलोय का जूस पीने में कड़वा महसूस होता है, परंतु यह आपके लिए काफी लाभकारी भी है. गिलोय के जूस के सेवन से चेहरे में पिंपल से लेकर शरीर में मौजूद त्वचा संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं का हल प्राप्त कर सकते हैं. गिलोय का जूस मन को शांत करने और एकाग्र करने के लिए भी लाभकारी माना जाता है.

गिलोय का जूस कैसे बनाएं

अगर आप चाहे तो मार्केट में उपलब्ध बाबा रामदेव के गिलोय के जूस को रेडीमेड खरीद सकते हैं और इसका सेवन कर सकते हैं. यदि आप गिलोय के जूस को रेडीमेड नहीं खरीदना चाहते हैंऔर इसे घर पर ही बनाकर सेवन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको नीचे बताई गई प्रक्रियाओं को ध्यान से पढ़ना होगा.

  • गिलोय के जूस को बनाने के लिए सबसे पहले आपको कम से कम गिलोय के 1 फीट का लता लेना है.
  • अब इसके ऊपर जो पर है, उसे अच्छी तरीके से साफ करके हटा ले. अब आगे आपको इसके लता को अच्छे तरीके से पीस लेना है.
  • इतना करने के बाद आपको 6 गिलास पानी कुछ लौंग के दाने को अच्छे से फ्लेम पर उबाल लेना है.
  • जब पानी उबलते उबलते आधा हो जाए तब इसे फ्लेम पर से उतार लें. अब इस पानी को आप छानकर समय-समय पर गिलोय के जूस का सेवन कर सकते हैं. आप चाहे तो इसमें थोड़ा स्वाद बढ़ाने के लिए शुगर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

गिलोय को खाने के दुष्प्रभाव

जब किसी भी प्रकार के चीज का हम अत्यधिक मात्रा में और असीमित रूप से सेवन करने लगते हैं तो उसके फायदे के अलावा हमें उसके दुष्प्रभाव भी खेलना पड़ता है. आइए जानते हैं, कि गिलोय को खाने के कुछ दुष्प्रभाव के बारे में जो इस प्रकार से निम्नलिखित है.

  • यदि आपको शुगर है, तो आपको इसका सेवन बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए और हो सके तो इसका सेवन रोजाना ना करें.
  • यदि कोई गर्भवती महिला है, तो उसे भी इसके सेवन से बचना चाहिए क्योंकि हो सकता है, कि इस परिस्थिति में उन्हें इसके सेवन से कुछ परेशानियां उत्पन्न हो जाए इसलिए ऐसे में हमें इसके सेवन से परहेज करना ही सही रहेगा.
  • यदि कोई महिला स्तनपान करा रही है, तो उसे इसके पहले से बचना चाहिए, क्योंकि हो सकता है, कि यह आपके स्वास्थ्य को किसी भी प्रकार से हानि पहुंचाए.
  • गिलोय का सेवन 5 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बच्चों को कराना चाहिए और इसका सेवन बच्चों को एक सीमित मात्रा में लंबे समय तक ना करने दें.
  • इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से आपको पेट में जलन हो सकती है.
  • अगर आप गिलोय का कैप्सूल या फिर दवा के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, तो हमें इसके लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.

स्वास्थ्य संबंधित आवश्यक चेतावनी 

हम किसी भी प्रकार की घरेलू उपचार और औषधि का इस्तेमाल किसी भी प्रकार की बीमारियों के प्राथमिक इलाज के लिए परामर्श नहीं देते हैं. इसके इस्तेमाल से पहले आपको स्वास्थ्य संबंधित चिकित्सक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

गिलोय के सेवन से आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ अनेकों प्रकार की बीमारियों से निजात पा सकते हैं और खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

FAQ

Q : गिलोय को रामबाण दवा क्यों कहा जाता है ?

Ans : यह सभी प्रकार के बीमारियों और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कारगर माना जाता है और इसीलिए इसे दवाओं का रामबाण कहा जाता है.

Q : गिलोय कहां से मिलता है और इसे कहां से खरीद सकते हैं ?

Ans : आप इसे अपने नजदीकी पतंजलि स्टोर से खरीद सकते हैं.

Q : गिलोय के क्या नुकसान है ?

Ans : गिलोय का सेवन वैसे नुकसानदायक तो नहीं है परंतु फिर भी मधुमेह के रोगियों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए और इसका सेवन लंबे समय तक नहीं करना चाहिए. इसके अधिक मात्रा के सेवन से कुछ और भी शरीर में कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं.

Q : गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं ?

Ans : हमें इसके तने और पत्ते को झुका लेना है और फिर इसे पाउडर का रूप दे देना है. फिर काला बनाने के लिए हमें इसके एक चम्मच चूर्ण को इस्तेमाल करना है और फिर पानी में डालकर इसे उबाल लेना है. इस प्रकार से आपका गिलोय का काढ़ा तैयार हो जाएगा.

Q : गिलोय को बच्चों को खाना चाहिए या फिर नहीं ?

Ans : 5 वर्ष या फिर इससे अधिक के उम्र के बच्चों को इसका सेवन करना चाहिए.

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