पीपीई किट क्या होती है कोरोना से लड़ाई में यह चर्चा में क्यों है

पीपीई किट क्या होती है, कैसे बनती है, कीमत, सामग्री, जीएसटी दर, उपयोग (PPE Kit, Full Form, for Corona, Price, Manufacturing in India in Hindi)

वर्तमान समय में आप देख ही रहे होंगे कि किस तरह से कोरोनावायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे संक्रमित व्यक्ति तक ट्रांसफर हो रहा है। ऐसे छुआछूत वाले संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए  पूरे विश्व को ही  संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखने की अति आवश्यकता है जिसके लिए सरकार द्वारा कई सारे दिशा-निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं। ऐसे समय में सबसे ज्यादा सुरक्षा की आवश्यकता है उन डॉक्टर और नर्स को जो ऐसे संक्रमित व्यक्तियों का इलाज और उनकी देखभाल में जुटे हुए हैं। डॉक्टर और नर्स जो संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल में लगे हुए हैं उनकी सुरक्षा के लिए ही PPE सूट बनाए जाते हैं। आइए जानते हैं आखिरकार यह सूट क्या होते हैं कैसे बनाए जाते हैं और क्यों जरूरी है डॉक्टर्स के लिए इनका इस्तेमाल?

क्या होते हैं PPE सूट (What is PPE Suit)

वैज्ञानिक हो या डॉक्टर उन्हें कई प्रकार के अनुसंधान करने पड़ते हैं जो कुछ केमिकल, रेडियोलॉजिकल, फिजिकल, इलेक्ट्रॉनिकल, मैकेनिकल इन्फेक्शन आदि से जुड़े हुए होते हैं। जिनसे बचने के लिए उन्हें अपनी सुरक्षा करना बेहद आवश्यक होता है और इन सब चीजों से सुरक्षित रखने के लिए वे ऐसे अनुसंधानों को आरंभ करने से पहले पहनते हैं PPE सूट। आखिर होता क्या है यह PPE सूट? वैज्ञानिक भाषा में PPE सूट को विस्तारपूर्वक पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट के नाम से जाना जाता है। जैसा कि इसके नाम में ही इसका अर्थ छुपा हुआ है स्वयं की सुरक्षा करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला हथियार।

पीपीई किट पहनना क्यों है इतना जरूरी (Why is Wearing PPE Kit so Important)

भयावह वायरस कोरोनावायरस एक ऐसा वायरस है जिसके तिनके मात्र संपर्क में आते ही एक स्वस्थ व्यक्ति प्रभावित हो सकता है। देश और संक्रमित व्यक्तियों के लिए भगवान साबित हो रहे है। चिकित्सकों के लिए सीधे तौर पर पीपीई किट का इस्तेमाल जरूरी इसलिए हो गया है। क्योंकि थोड़ी सी भी असावधानी की वजह से लाखों लोगों को उसकी सजा भुगतनी पड़ सकती है। देश के विभिन्न विभागों के आंकड़ों को उठाकर देखा जाए तो बहुत सारे डॉक्टर और नर्स कोरोनावायरस के संक्रमण में केवल पीपीई के ना पहनने की वजह से ही आए हैं जिसकी वजह से वे अपनी जान भी गवां चुके। कोरोनावायरस को भगाने की जंग में डॉक्टर के लिए पीपीके पहनना बेहद आवश्यक है इसी जरूरत को देखते हुए देश में प्रतिदिन लगभग 12000 पीपीई किट लगातार बनाई जा रही है ताकि इन किट की वजह से किसी भी डॉक्टर को अपनी जान न गंवानी पड़े। आइए अब जान लेते हैं इस किट में किन वस्तुओं को मुख्य रूप से शामिल किया जाना आवश्यक है।

पीपीई के प्रकार (Types of PPE)

पीपीई सूट विशेषज्ञों के लिए एक ऐसा उपकरण होता है जो उनकी शरीर के पूरी त्वचा को संपूर्ण रूप से जीवाणुओं से सुरक्षित रखने में सहायक होती है। इसमें निम्न प्रकार के उपकरण शामिल होते हैं:-

  • फेस कवर :- PPE किट फेस कवर कवर मुख्य रूप से प्लास्टिक का बना एक ऐसा ढाल होता है जो संक्रामक जीवाणुओं और दूषित सामग्री को हमारे चेहरे पर लगने से बचाते हैं। मुख्य रूप से यह हमारे चेहरे के कोमल अंग जैसे नाक मुंह आंख और कान को पूरी तरह से ढक कर सुरक्षित रखने का काम करता है।
  • दस्ताने :- कोई भी जटिल काम यदि अपने हाथों से करना हो तो दस्तानों की आवश्यकता होती है ऐसे में PPE किट में भी दस्तानों को सलंग्न किया जाता है। ताकि हाथों को भी किसी वायरस, हानिकारक रसायन, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल वस्तुएं, इंफेक्शन से जुड़ी वस्तुओं को छूने से किसी भी प्रकार का प्रभाव हमारे शरीर में ना जा सके।
  • चश्मे :- PPE किट में आंखों को पूरी तरह से कवर करने के लिए चश्मे भी शामिल किए जाते हैं ताकि कोई भी हानिकारक वायरस और पदार्थ हमारी आंखों के जरिए प्रवेश ना करें।
  • गाउन :– हमारे पूरे शरीर को ढकने के लिए PPE किट में एक गाउन होता है जो पूरे शरीर को अच्छी तरह से ढक कर उसे संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने का काम करता है। हानिकारक और खतरनाक वायरस जैसे कोरोनावायरस से बचने के लिए मुख्य रूप से पीपीई किट में ऐसा गाउन शामिल किया जाता है जो पूरी तरह से डिस्पोजेबल हो और साथ ही जिस पर तरल पदार्थ और किसी वायरस का कोई प्रभाव ना पहुंच सके।
  • हेड कवर :- किसी भी प्रकार की संक्रामक सामग्री हमारे स्वास्थ्य शरीर के साथ-साथ हमारे सिर को भी नुकसान पहुंचा सकती है कीटाणुओं के प्रसार में रक्षा कवच के लिए हेड कवर भी PPE किट में शामिल करना आवश्यक होता है।
  • मास्क एवं स्वसन यंत्र :- सर्जिकल मास्क या आइसोलेशन मास्क के नाम से जाना जाने वाला डिस्पोजेबल मास्क PPE किट में शामिल किया जाता है इसे पहनने से यह ऐसी संक्रामक हवाओं में बहने वाले कीटाणुओं से हमारे मुंह की रक्षा करता है जो हमारे श्वसन तंत्र से होकर हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। संक्रामक वायु को शुद्ध करने का गुण भी इस मास्क में होता है। साथ ही बात करें श्वास यंत्र की जिसे मुख्य तौर पर n95 भी कहा जाता है इसका इस्तेमाल भी छोटे कणों में बहने वाले संक्रामक जीवाणु और वायरस से बचाने का काम करता है और यह पूरी तरह से चेहरे पर फिटिंग का होता है जिससे छोटे कणों को भी हमारे श्वसन तंत्र तक घुसने के लिए रास्ता नहीं मिल पाता है। इसका इस्तेमाल खतरनाक वायरस जैसे कोरोनावायरस और केमिकल व रसायन से जुड़े परीक्षणों में किया जाता है।
  • जूता कवर :- हानिकारक और खतरनाक वायरसों का प्रशिक्षण और इलाज करते समय डॉक्टर हमेशा सर्जिकल जूते या चप्पल पहन कर ही काम करते हैं ऐसे में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की देखरेख और उनका इलाज करते समय जूतों पर भी कवर पहनना बेहद आवश्यक होता है इसके लिए पीपीई किट में एक जूता कवर भी शामिल किया जाता है।

किस तरह पहना जाता है पीपीई किट (How to Wear PPE Kit)

कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की जांच पड़ताल करना और उनकी देखरेख करना डॉक्टरों के लिए कोई आसान काम नहीं होता है क्योंकि उन्हें स्वयं को उस संक्रामक रोग से बचाने के लिए कई सारे चरणों से गुजरना पड़ता है। उसमें सबसे पहला चरण पीपीई किट को सही तरीके से पहनने का ही होता है।

  • प्रत्येक डॉक्टर और नर्स द्वारा पीपीई किट पहनने से पहले सर्जिकल कपड़े पहनने होते हैं। जो आमतौर पर प्रत्येक डॉक्टर किसी व्यक्ति की चिकित्सा और उपचार करने के लिए पहनते है।
  • उसके ऊपर सर्जिकल दस्ताने पहनकर अपनी उस सर्जिकल ड्रेस के हाथों को पूरी तरह से ढक देते हैं ताकि वे पीपीई सूट से बाहर न आये।
  • उसके बाद एक जंपसूट की तरह तैयार किया हुआ पीपीई किट वे अपने सर्जिकल कपड़ों के ऊपर ही पहन लेते हैं।
  • उसके बाद वे अपने सिर को ढकने का काम करते हैं और उसके लिए सिर ढकने वाला कवर अपने सिर पर पहन लेते हैं जिसे सर्जिकल हेड कवर भी कहा जाता है।
  • तत्पश्चात वे अपने मुंह को ढकने के लिए श्वास यंत्र n95 पहन लेते हैं। ताकि वे अपने श्वसन तंत्र को पूरी तरह से सुरक्षित रख सकें।
  • उसके बाद अपनी आंखों को ढकने के लिए वे एक ऐसा चश्मा अपनी आँखों पर लगा लेते है जोकि पारदर्शी होता हैं, और उनकी आंखों के आसपास का पूरा हिस्सा ढक जाता है।
  • इन सब चीजों को पहनने के बाद जंपसूट में एक पीछे टोपी भी होती है जिसे वे उसके ऊपर ढककर पूरी तरह से अपना मुंह बंद कर लेते हैं सिर्फ उनकी आंखें पारदर्शी चश्मे में से नजर आती है।
  • तत्पश्चात वे अपने पैरों को ढकने के लिए जूता कवर अपने पैरों में पूरी तरह से डाल लेते हैं और अपने पैरों को पूरी तरह से सुरक्षित कर लेते हैं।
  • अब बारी आती है हाथों और जम सूट को अपने हाथों के आसपास से पूरी तरह से ढकने की जिसके लिए वे एक और ग्लव्स अपने पहले पहने हुए ग्लव्स के ऊपर पहन लेते हैं।
  • सबसे आखिरी काम होता है अपने सिर और मुंह को पूरी तरह से ढकने के लिए पहने जाने वाले हेलमेट को पहनने का। सबसे आखिर में वे अपने हेलमेट को पहन कर अपने द्वारा खुद को पूरी तरह से सुरक्षित कर लेते हैं।

पूरी तरह से सावधानी बरतने के बावजूद भी  कोरोनावायरस अपना प्रकोप बरसाना कम नहीं कर रहा है वह मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर तक को अपनी चपेट में लगातार ले रहा है। कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल करने वाले सभी डॉक्टर नर्स और वार्डबॉय इसी प्रकार PPE किट का इस्तेमाल करते हैं। ताकि वे वायरस के संक्रमण में आने से खुद को पूरी तरह से सुरक्षित रख सकें इसके बावजूद भी पूरी दुनिया में अब तक कोरोनावायरस से सैंकड़ों डॉक्टर्स की मौत हो चुकी है।

कोरोना वायरस का प्रकोप लगभग इस कदर बरस रहा है कि भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पीपीई किट की मांग बढ़ती जा रही है और इसके उत्पादन में भी कोई कमी नहीं होने दी जा रही है। इसके बावजूद भी कई राज्यों में पर्याप्त मात्रा में पीटीए किट मौजूद नहीं है। फिलहाल के आंकड़ों के अनुसार देखा जाए तो अभी चिकित्सा स्टाफ के पास देश के उपयोग के लिए 3,34,000 किट उपलब्ध है जिसमें से 60 हजार पीपीई किट अस्पतालो की आवश्यकता के अनुसार अस्पतालों में पहुंचाई जा चुकी हैं।

इसके अतिरिक्त भी कोविड-19 से लड़ने के लिए भारत का प्रत्येक नागरिक और बड़ी-बड़ी कंपनियां भी इसमें अपना योगदान दे रही हैं। जहां कपड़ा मंत्रालय पीपीई किट बनाने के लिए कपड़े के निर्माण हेतु जुटे हुए हैं वही इसके अलावा देश के 25 उत्पादक ऐसे हैं जो इस किट के निर्माण के कार्य में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। जिनमें से मुख्य आदित्य बिरला फैशन, गोकुलदास एक्सपोर्ट्स, शाही एक्सपोर्ट्स, कुसुमगर इंडस्ट्रीज, जेसीटी फगवाड़ा आदि शामिल है इसके अलावा काफी अरे उत्पादक भी पीपीई किट उत्पादन कार्य के लिए अपना मत प्रकट कर चुके हैं।

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