गणतंत्र दिवस 2023, निबंध, महत्व (Republic Day in Hindi)

गणतंत्र दिवस 2023, निबंध, महत्व, भाषण, क्यों मनाते हैं, कब मनाया जाता है, कैसे मनाते हैं (Republic Day in Hindi) (Speech, Essay, Wishes)

हर साल 26 जनवरी आने के कुछ दिनों पहले ही टीवी पर देश भक्ति से संबंधित फिल्में आना चालू हो जाती है, वही रेडियो पर भी देश भक्ति से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन होता है और दिन रात भारत के वीर शहीदों को याद दिलाने वाले गाने आने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि 26 जनवरी को ही हमारे भारत देश में संविधान निर्माण कमेटी के द्वारा बनाए गए संविधान को लागू कर दिया गया था और तब से लेकर के भारत का हर नागरिक भारतीय संविधान को अपने सिर माथे पर रख रहा है। आइए इस आर्टिकल में आज जानते हैं कि आखिर “रिपब्लिक डे क्या है” और “रिपब्लिक डे क्यों मनाया जाता है।”

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गणतंत्र दिवस 2023 (Republic Day in Hindi)

पर्व का नामरिपब्लिक डे
अन्य नाम26 जनवरी, गणतंत्र दिवस
देशभारत
पर्व का प्रकारराष्ट्रीय पर्व
उद्देश्यवीर शहीदों को याद करना
क्यों प्रसिद्धइसी दिन भारतीय संविधान लागू हुआ
तारीख26 जनवरी
सालसन 1950
2023 में73वां गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस क्या है (What is Republic Day)

गणतंत्र दिवस, रिपब्लिक डे और 26 जनवरी यह तीनों एक ही है। रिपब्लिक डे को ही गणतंत्र दिवस कहा जाता है और गणतंत्र दिवस को ही 26 जनवरी का दिन कहा जाता है। इस दिन हमारे पूरे भारत देश में आजादी के गाने गाए जाते हैं। क्योंकि इसी दिन साल 1950 में सुबह 10:18 पर हमारे भारत देश का संविधान पूरे देश के लोगों के लिए लागू कर दिया गया था और तब से हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.

संविधान कैसे लागू किया गया (How the Constitution was Implemented)

हमारा भारत देश 15 अगस्त साल 1947 में अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया था और उसके पश्चात भारत के नए संविधान को बनाने का काम प्रारंभ किया गया, जिसमें मुख्य लोगों के तौर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद इत्यादि संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे। तथा संविधान निर्माण करने में टोटल 22 कमेटी मौजूद थी, जिसमें ड्राफ्टिंग कमिटी सबसे महत्वपूर्ण कमेटी थी और इसी कमेटी के द्वारा संविधान लिखने का काम अपने हाथों में लिया गया था। इस कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे।ड्राफ्टिंग कमेटी के साथ मिलकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने तकरीबन 2 साल 11 महीने और 18 दिन में भारत का संविधान बना कर तैयार किया और उसके पश्चात संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद के द्वारा साल 1949 में 26 नवंबर के दिन भारत का संविधान सुपुर्द किया गया और उसके पश्चात साल 1950 में 26 जनवरी अर्थात गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के संविधान को आधिकारिक तौर पर देश भर में लागू कर दिया गया।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (Why Republic Day is Celebrated)

यहां पर हम आपको बताना चाहते हैं कि 26 जनवरी को ही संविधान लागू करने के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि साल 1929 को पहली बार 26 जनवरी को ही पूर्ण गणराज्य का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया था। इसलिए 26 जनवरी को भारतीय संविधान देश के लिए लागू किया गया और तब से लेकर के हर साल 26 जनवरी अर्थात रिपब्लिक डे के मौके पर भारतीय गणतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मनाया जाता है, जिसमें आम लोगों से लेकर के खास लोग शामिल होते हैं।

गणतंत्र दिवस का इतिहास (Republic Day History)

इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन वर्ष 1950 में 26 जनवरी के दिन लागू किया गया था। इसे लागू करने का काम संविधान सभा के द्वारा किया गया था जिसमें कई व्यक्ति शामिल थे, जिसमें प्रमुख व्यक्ति के तौर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का नाम लिया जाता है। संविधान सभा के द्वारा अपना पहला सत्र 1946 में 9 दिसंबर के दिन आयोजित किया गया था और अपना आखिरी विधानसभा सत्र 1949 में 26 नवंबर को आयोजित किया गया था और फिर इसके 1 साल बाद अर्थात साल 1950 में 26 जनवरी को संविधान को लागू किया गया।

गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य (Republic Day Celebration Motive)

तकरीबन 2 साल, 11 महीना और 18 दिन लगाकर जब भारत का संविधान बनकर के तैयार हुआ तब उसे 26 जनवरी के मौके पर ही देशभर में लागू किया गया था। हालांकि हमारा देश तो साल 1947 में 15 अगस्त के दिन ही अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हो गया था, परंतु आधिकारिक तौर पर आजादी हमारे देश को 26 जनवरी को प्राप्त हुई और तब से लेकर के हम हर साल इस दिवस को आजादी के दिन के तौर पर मनाते हैं। हमारा देश किसी एक व्यक्ति के बलिदानों की वजह से आजाद नहीं हुआ बल्कि न जाने कितने असंख्य शूर वीरों ने देश को आजाद करवाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और कई लोगों ने तो अपनी जवानी भी कुर्बान कर दी। उन्हीं लोगों के बलिदानों को याद करने के लिए देश में रिपब्लिक डे मनाया जाता है, ताकि भारत की वर्तमान पीढ़ी भारतीय महापुरुषों की जीवनी से प्रेरणा ले सकें और उनके बताए हुए रास्ते पर आगे चढ़कर के देश के विकास के लिए लगातार हर संभव प्रयास करें और भारत को एक सबल राष्ट्र बनाने में अपना अपना योगदान दें।

गणतंत्र दिवस का महत्व (Republic Day Importance)

भारत के समस्त लोगों के लिए 26 जनवरी अर्थात गणतंत्र दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी दिन हमारे भारत देश में तकरीबन 2 साल और कुछ महीने तथा कुछ दिन लगाकर जो संविधान बनाया गया था, उसे लागू किया गया था और देश में लोकतांत्रिक सरकार का गठन हुआ था। देश में मनाया जाने वाला रिपब्लिक डे राष्ट्रीय पर्व है जिसे हर्षोल्लास के साथ देश का बूढ़ा, बच्चा, जवान सभी वर्ग का व्यक्ति मनाता है। इसी दिन देश भर में राष्ट्रीय अवकाश घोषित होता है। यह दिन हमें देश के वीर सपूतों की याद दिलाता है।

गणतंत्र दिवस कैसे मनाते हैं (How Republic Day is Celebrated)

देश में रिपब्लिक डे कुछ इस तरीके से मनाया जाता है।

  • रिपब्लिक डे के मौके पर देशभर में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन होता है, साथ ही दिल्ली में मौजूद राज्य पथ पर हर साल एक बहुत ही बेहतरीन परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक निकाली जाती है, जिसमें इंडियन आर्मी की विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना और नौसेना इत्यादि के सैनिक भाग लेते हैं। जिसे देखने के लिए लोगों की और बड़े बड़े अधिकारियों की भीड़ लगी रहती है।
  • रिपब्लिक डे के मौके पर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर योद्धाओं को याद किया जाता है और इसी दिन भारत के राष्ट्रपति के द्वारा तिरंगा झंडा भी फहराया जाता है.
  • इसके पश्चात खड़े होकर के लोगों के द्वारा भारत का राष्ट्रीय गान “जन गण मन अधिनायक” गाया जाता है और तिरंगे को सलामी दी जाती है। तिरंगे झंडे को सभी लोगों के द्वारा खड़े होकर के 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है।
  • 26 जनवरी के मौके पर हमारे भारत देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित होता है। हालांकि इस दिन विभिन्न कॉलेज और विद्यालयों में देश भक्ति से संबंधित अनेक कार्यक्रम का आयोजन होता है जिसमें बच्चे नाटक प्रस्तुत करते हैं, देशभक्ति गानों पर डांस करते हैं, भाषण और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी इसी दिन होता है।
  • रिपब्लिक डे पर आकाश में फाइटर प्लेन अपने कर्तव्य दिखाते हैं और भारतीय झंडे के रंगों को छोड़ते हैं, वहीं भारतीय झंडे के रंग वाले गुब्बारे भी इस दिन आसमान में बड़े पैमाने पर छोड़े जाते हैं।
  • दिल्ली में आयोजित रिपब्लिक डे के समारोह में पार्टिसिपेट करने के लिए देश के सभी हिस्सों से एनसीसी और अलग-अलग विद्यालय से बच्चों को बुलाया जाता है। जब राजपथ पर परेड शुरू होती है तो प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर मौजूद अमर जवान ज्योति पर जाते हैं और वहां पर पुष्पमाला अर्पित करते हैं।
  • इसके पश्चात 2 मिनट के लिए सभी लोग खड़े होकर के सैनिकों के सम्मान में मौन धारण करते हैं। यह सैनिकों को सम्मान देने का एक तरीका होता है। इसके बाद प्रधानमंत्री अन्य लोगों के साथ राजपथ पर मौजूद बने हुए मंच पर आते हैं और उसके पश्चात 26 जनवरी के मौके पर बुलाए गए गेस्ट के साथ राष्ट्रपति मंच पर आकर विराजमान होते है।
  • दिल्ली में आयोजित होने वाले 26 जनवरी के कार्यक्रम का प्रसारण राष्ट्रीय टेलीविजन पर भी होता है ताकि जो लोग इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाते हैं वह घर बैठे ही कार्यक्रम की झलकियां देख सकें।
  • रिपब्लिक डे के मौके पर स्कूल और कॉलेज में देशभक्ति से संबंधित निबंध प्रतियोगिता का आयोजन होता है, वही बच्चों के द्वारा नाटक का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन लोग अपने अपने प्रिय स्वतंत्रता सेनानी पर भाषण भी देते हैं।
  • इसके अलावा देश भक्ति के गानों पर विद्यार्थियों के द्वारा डांस भी प्रस्तुत किया जाता है और विद्यार्थियों के द्वारा देश भक्ति के गाने भी गाए जाते हैं। टेलीविजन पर और रेडियो पर इस दिन देश भक्ति से संबंधित कई गाने आते हैं, वहीं कई फिल्मों का प्रसारण भी होता है।

गणतंत्र दिवस के अतिथि (Republic Day Guests)

नीचे हम आपको 1950 से लेकर के साल 2020 तक कौन-कौन से मुख्य अतिथि रिपब्लिक डे के मौके पर चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हो चुके हैं उनकी जानकारी दे रहे हैं।

वर्ष राष्ट्रपति का नाम देश
2020राष्ट्रपति, जेयर बोल्सोनारोब्राजील
2019राष्ट्रपति, सिरिल रामाफोसा,दक्षिण अफ्रीका
2018सभी दस आसियान  देशों के प्रमुख[4]ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम
2017क्राउन प्रिंस, मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान,अबु धाबी
2016फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्री पाल श्री सेना 
2015राष्ट्रपति, बराक ओबामा,यूएसए
2014प्रधानमंत्री, शिंजो अबे,जापान
2013राजा, जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक,भूटान
2012प्रधानमंत्री, यिंगलक चिनावाटथाईलैंड
2011राष्ट्रपति, सुसीलो बाम्बांग युद्धोयोनो,इंडोनेशिया
2010:राष्ट्रपति, ली म्यूंग बक,कोरिया गणराज्य
2009राष्ट्रपति, नूर्सुल्तान नाज़र्बायव,कज़ाकिस्तान
2008राष्ट्रपति, निकोलस सरकोजी,फ्रांस
2007राष्ट्रपति, व्लादिमीर पुतिन,रुस
2006राजा, शाह अब्दुल्ला,सउदी अरब
2005राजा, जिग्मे सिंगये वांगचुक,भूटान
2004राष्ट्पति, लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा,ब्राजील
2003राष्ट्पति, मोहम्मद ख़ातमी,इरान
2002 राष्ट्पति, कसम उतेम,मॉरीशस
2001राष्ट्पति, अब्देलाज़िज बुटेफ्लिका,अलजीरीया
2000राष्ट्पति, ऑल्यूसगुन ओबसांजो,नाइजीरिया
1999राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव,नेपाल
1998राष्ट्रपति, ज़्याक शिराक,फ्रांस
1997प्रधानमंत्री, बसदेव पाण्डे,त्रिनीनाद और टोबैगो
1996राष्ट्रपति, लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा,ब्राजील
1995राष्ट्रपति, नेल्सन मंडेला,दक्षिण अफ्रिका
1994प्रधानमंत्री, गोह चोक टोंग,सिंगापुर
1993प्रधानमंत्री, जॉन मेजर,यूके
1992राष्ट्रपति, मेरियो सोरेस,पुर्तगाल
1991राष्ट्रपति, मॉमून अब्दुल गय्यूम,मालदीव
1990प्रधानमंत्री, अनिरुद्ध जगन्नाथ,मॉरीशस
1989नगुय वं लनं,वियतनाम
1988राष्ट्रपति, जूनिअस रिचर्ड जयवर्धने,श्रीलंका
1987पैरु की राष्ट्रपति एलन गार्सिया और जिंबाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे 
1986प्रधानमंत्री, एँड्रियास पपनड्रीयु,ग्रीस
1985राष्ट्रपति, राउल अल्फोंसिन,अर्जेन्टीना
1984राजा जिग्मे सिंगये वांगचुक ,इंडोनेशियाई सेना के चीफ ऑफ स्टाफ
1983राष्ट्रपति, सेहु शगारी,नाइजीरिया
1982राजा, जॉन कार्लोस प्रथम,स्पेन
1981राष्ट्रपति, जोस लोपेज़ पोर्टिलो,मेक्सिको
1980राष्ट्रपति, वैलेरी गिसकर्ड डी ‘ईस्टांग,फ्रांस
1979प्रधानमंत्री, मैल्कम फ्रेजर,ऑस्ट्रेलिया
1978राष्ट्रपति, पैट्रिक हिलरी,ऑयरलौंड
1977प्रथम सचिव, एडवर्ड गिरेक,पौलैण्ड
1976प्रधानमंत्री, ज़्याक शिराक,फ्रांस
1975राष्ट्रपति, केनेथ कौंडा,जांबिया
1974राष्ट्रपति, जोसिप ब्रौज टीटो,यूगोस्लाविया
1973राष्ट्रपति, कर्नल जॉसेफ़ मोबूतो,जैरे
1972प्रधानमंत्री, शिवसागर रामगुलाम,मॉरीशस
1971राष्ट्रपति, जुलियस नीयरेरे,तंजानिया
1970
1969प्रधानमंत्री, टॉड झिवकोबुल्गारिया
1968प्रधानमंत्री, अलेक्सी कोसिजिन,सोवियत यूनियन
1967
1965खाद्य एवं कृषि मंत्री, राना अब्दुल हामिद,पाकिस्तान
1964
1963राजा, नोरोडोम सिहानोक,कंबोडिया
1962
1961रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय,यूके
1960राष्ट्रपति, क्लिमेंट वोरोशिलोवसोवियत संघ
1959
1958मार्शल ये जियानयिंग,चीन
1957
1956
1955गर्वनर जनरल, मलिक गुलाम मोहम्मद,पाकिस्तान
1954राजा, जिग्मे दोरजी वांगचुक,भूटान
1953
1952
1951
1950राष्ट्रपति, सुकर्णो,इंडोनेशिया
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FAQ

Q : 26 जनवरी का इतिहास क्या है?

Ans : 1950 में 26 जनवरी के दिन ही देश में भारतीय संविधान लागू हुआ था।

Q : गणतंत्र दिवस का मतलब क्या होता है?

Ans : गणतंत्र दिवस को ही 26 जनवरी और रिपब्लिक डे कहा जाता है।

Q : 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है?

Ans : तकरीबन 2 साल 18 महीने और कुछ दिनों तक अगर संविधान निर्माण होने के बाद उसे 26 जनवरी को ही अपनाया गया था। इसलिए 26 जनवरी सेलिब्रेट किया जाता है।

Q : 15 अगस्त और 26 जनवरी क्यों मनाते हैं?

Ans : 15 अगस्त को हमारा देश आजाद हुआ था और 26 जनवरी को देश में संविधान लागू हुआ था।

Q : पहली बार गणतंत्र दिवस कब मनाया गया?

Ans : 26 जनवरी 1950

Q : गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

Ans : गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है, क्योंकि 26 जनवरी को ही हमारे देश में संविधान सभा के द्वारा बनाया गया संविधान आधिकारिक तौर पर लागू किया गया था।

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