सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय, बायोग्राफी, जयंती 2023, कौन थी, निबंध, रचनाएं, कवितायेँ (Sarojini Naidu Biography in Hindi) (Kaun thi, Birthday, Education, Famous for, Poems, College, School)
भारत की कोकिला नाम से पहचानी जाने वाली सरोजिनी नायडू क्रांतिकारी महिला के नाम से भी काफी प्रसिद्ध रही हैं। उन्होंने भारत की आजादी में अपना अहम योगदान जो दिया था। यही वो महिला थी जिन्हें इंडियन नेशनल कांग्रेस ने प्रथम महिला अध्यक्ष चुना था। भारत और किसी भी राज्य में नियुक्त होने वाली पहली महिला राज्यपाल भी सरोजिनी नायडू रही हैं। इसके अलावा इनकी रचनाएं जैसे बच्चों के लिए कविताएं, प्रकृतिक, देशभक्ति आदि शामिल है। आज भी लोगों के बीच उनकी इन रचनाओं का वर्णन किया जाता है। जिससे बचपन की यादें ताजा हो जाती है। चलिए जानते हैं इनके जीवन से जुड़े कुछ अहम चीजों के बारे में।
सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय, जयंती 2023, निबंध (Sarojini Naidu Biography in Hindi)
पूरा नाम | सरोजिनी नायडू |
उपनाम | भारत की कोकिला |
जन्म | 13 फरवरी 1879 |
जन्मस्थान | हैदराबाद |
मृत्यृ | 2 मार्च 1949 |
मृत्यु स्थान | लखनऊ |
प्रसिद्धि | कवयित्री व राजनीतिक कार्यकर्ता |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पुस्तकें | द गोल्डन थ्रेसोल्ड (1905), द बर्थ ऑफ टाइम (1912), द ब्रोकन विंग (1917) |
जाति | बंगाली |
संपत्ति | पता नहीं |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
सरोजिनी नायडू का परिवार (Sarojini Naidu Family Tree)
पिता का नाम | अघोरनाथ चट्टोपाध्याय |
माता का नाम | वरदा सुन्दरी देवी |
भाई का नाम | विरेंद्रानाथ और हरिन्द्रानाथ |
बहन का नाम | सुहासिनी |
पति का नाम | गोविंदाराजुलु नायडू |
बच्चों का नाम | पद्माजा, रणधीर, लिलामानी, निलावर, जयसूर्या नायडू |
सरोजिनी नायडू का जन्म एवं परिवारिक जीवन (Sarojini Naidu Birthday and Family Life)
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में एक बंगाली परिवार में हुआ। उनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक वैज्ञानिक व डॉक्टर भी थे। उनकी माता वरदा सुन्दरी देवी एक लेखिका थी। जो बंगाली में कविताएं लिखा करती थी। सरोजिनी नायडू के भाई-बहन भी थे। जिनमें वो सबसे बड़ी थी। उनके दो भाई वीरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय ये क्रांतिकारी थे और हरिंद्रनाथ एक कवि और अभिनेता थे। उनका परिवार एक सम्मानित परिवारों में से एक रहा है। जिसका मुख्य कारण हैं उनके पिता। इसी के कारण हर कोई उनके परिवार के बारे में सारी चीजें जानता है।
सरोजिनी नायडू की शिक्षा (Sarojini Naidu Education)
सरोजिनी नायडू बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी रही है। जिसका श्रेय जाता है उनके माता-पिता को। जिनके कारण वो अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाई और अलग-अलग भाषा सीख पाई। सरोजिनी नायडू उर्दू, तेलगु, इंग्लिश, बंगाली और भी कई सारी भाषाएं आती थी। जब वो 12 साल की थी तो उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी में मैट्रिक की परीक्षा में टॉप किया था। जिसकी चर्चाएं हर तरफ हुई। साल 1895 में वह उच्चस्तर की शिक्षा के लिए इंग्लैंड गई। इंग्लैंड में पढ़ने के लिए उन्हें स्कॉलरशिप भी प्राप्त हुई। इंग्लैंड में पहले किंग्स कॉलेज और बाद में गिर्टन कॉलेज में एडमिशन लिया। 3 साल की पढ़ाई करने के बाद वो 1898 में भारत वापस लौट आई।
सरोजिनी नायडू के पति, बच्चे एवं व्यक्तिगत जीवन (Husband, Children and Personal Life)
सरोजिनी नायडू की शादी 1898 में गोविंदाराजुलू नायडू से शादी की। ये शादी लव मैरिज थी। उनकी मुलाकात कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई। बस वहीं से उनके रिश्ते की शुरूआत हुई। आपको बता दें कि, गोविंदाराजुलू एक अलग कास्ट के थे। जिसके कारण उनके पिता की चिंता और ज्यादा बढ़ गई थी। लड़की की शादी करनी है वो भी समाज से लड़ाई करके। लेकिन शादी हुई उसके बाद उनके चार बच्चे हुए। जिसमें उनकी बेटी पद्माजा सरोजनी जो की एक कवित्री है, राजनीति में है और पश्चिम बंगाल के गवर्न भी रह चुकी है।
सरोजिनी नायडू की पसंद (Sarojini Naidu Likes and Dislikes)
सरोजिनी नायडू को कविताओं और किताबें पढ़ने का काफी शौक रहा। वो खाली समय में अलग-अलग तरह की कविताएं लिखा करती थी। उनका वर्णन किया करती थी। इसी के साथ अलग-अलग किताबें भी पढ़ा करती थी। इससे उन्हें कविताओं के लिए और भी रोचक विषय प्राप्त होते थे। जिन्हें वो पन्नों पर उतारा करती थी।
सरोजिनी नायडू की प्रसिद्ध कविताएं (Sarojini Naidu Famous Poems)
सरोजिनी नायडू ने शादी के बाद भी काम करना नहीं छोड़ा। वे अलग-अलग विषयों पर अपनी कविताएं लिखा करती थी। जिसे लोग गाने के रूप में गाया करते थे। साल 1905 में उनकी कविता बुलबुल हिन्दी में पब्लिश हुई। इसको लोगों ने काफी पसंद किया। पसंद करने की लिस्ट में जवाहरलाल नेहरू, रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसे महान लोग शामिल है। सरोजिनी नायडू इंग्लिश में भी अपनी कविताएं लिखा करती थी। लेकिन उनमें भी उनकी सभ्यता झलकती थी। सरोजिनी नायडू की प्रसिद्ध कविताएं जो आज भी लोगों के बीच काफी चर्चित है। वे इस प्रकार हैं –
- दमयन्ती टू नाला इन द आवर ऑफ एक्साइल,
- एक्स्टेसी,
- इंडियन डांसर,
- द इंडियन,
- इंडियन लव-सॉन्ग,
- इंडियन वेवर्स,
- दि फारेस्ट,
- राममुराथम,
- नाइटफॉल सिटी इन हैदराबाद,
- पालक्विन बेयरर्स,
- सती,
- द सोल प्रेयर,
- स्ट्रीट क्राइज आदि.
सरोजिनी नायडू का राजनीतिक करियर (Sarojini Naidu Political Career
सरोजिनी नायडू ने 1925 में अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की। वो सबसे पहले इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष की सीट के लिए खड़ी हुई और वो जीत गई। जिसके बाद वो पहली महिला अध्यक्ष बनी। साल 1928 में सरोजिनी नायडू अमेरिका से आई और गांधीजी के साथ भारत को आजादी दिलाने के कार्य में जुट गई। उन्होंने अंहिसावादी बातों को लोगों तक पहुंचाया। 1930 में गांधीजी द्वारा चलाए गए नमक सत्याग्रह में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इसी के साथ वो गांधीजी के साथ 21 महीनों के लिए जेल में भी रही।
सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (Sarojini Naidu as Freedom Fighter)
सरोजिनी नायडू को कविताओं का काफी शौक रहा है। ऐसे ही एक दिन की बात हैं जब वे गोपाल कृष्ण गोखले से मिली। जिन्होंने उन्हें कहा कि वो अपनी कविताओं में क्रांतिकारीपन लाए और लोगों तक स्वतंत्रता की बातें पहुंचाए। साल 1916 में वो महात्मा गांधी से मिली। जिसके बाद उनके विचार पूरी तरह से बदल गए। उसी बदले विचार के बाद उन्होंने अपनी ताकत देश को आजाद करने में लगा दी। इसी के साथ उन्होंने महिलाओं के लिए चलाई गई प्रथाओं को खत्म करने का काम भी किया। महिलाओं को समझाया की उनके लिए चलाई गई प्रथाओं का विरोध करके घर से बाहर निकलों। इसके लिए वो देश के अलग-अलग प्रदेश, शहर और गांव में गई।
सरोजिनी नायडू को मिले पुरस्कार और उपलब्धियां (Sarojini Naidu Awards and Achievement)
- सरोजिनी नायडू पहली महिला अध्यक्ष रही। ये अध्यक्षता उन्हें इंडियन नेशनल कांग्रेस से प्राप्त हुई।
- साल 1928 में उन्हें हिन्द केसरी पदक से सम्मानित किया गया।
- सरोजिनी नायडू को मिले अवार्ड की लिस्ट में द गोल्डन थ्रेसहोल्ड, द बर्ड ऑफ टाइम आदि शामिल है।
सरोजिनी नायडू को क्यों कहा जाता है भारत की कोकिला (Sarojini Naidu Kokila of Indian)
सरोजिनी नायडू को भारत की कोकिला उनकी सुरीली आवाज के कारण कहा जाता है। वो जब भी अपनी कविताएं पढ़ा करती थी तो उनकी आवाज में ये कविताएं और अच्छी लगती थी। उनके हाव-भाव उस कविता में जान भर देते थे। जिसे लोग काफी पसंद करते थे।
सरोजिनी नायडू की मृत्यृ (Sarojini Naidu Death)
सरोजिनी नायडू को देश आजाद होने के बाद उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनाया गया। वह पहली महिला थी जो गवर्नर बनी। 2 मार्च 1949 को उन्हें अपने ऑफिस में हार्ट अटैत आया। जिसमें उनकी जान चली गई। सरोजिनी नायडू एक ऐसी महिला थी जिन्हें आर्दश का प्रतीक माना जाता है। इनसे हर महिला को कार्य और अपने जीवन में कार्य करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
सरोजिनी नायडू जयंती (Sarojini Naidu Jayanti)
सरोजिनी नायडू एक स्वतंत्रता सेनानी थी। जिन्होंने देश की आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। यही वजह है जो हमेशा उनका नाम चर्चा में रहता है। आपको बता दें कि, उनके जन्मदिन के अवसर पर महिला दिवस मनाया जाता है। ये दिन देश की हर महिला को समर्पित होता है।
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FAQ
Q : सरोजिनी नायडू का जन्म कब हुआ?
Ans : सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ।
Q : सरोजिनी नायडू जयंती कब मनाई जाती है?
Ans : सरोजिनी नायडू की जयंती उनके जन्मदिवस के दिन मनाया जाता है।
Q : सरोजिनी नायडू क्यों प्रसिद्ध हैं?
Ans : सरोजिनी नायडू ने देश की आजादी में अहम योगदान दिया।
Q : सरोजिनी नायडू को क्या पसंद था?
Ans : कविताएं और किताबें पढ़ना।
Q : सरोजिनी नायडू किस आंदोलन का हिस्सा बनी?
Ans : सरोजिनी नायडू नमक सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लिया।
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