“स्टडी इन इंडिया” योजना Study In India Scheme Program 2019-20 [Scholarship, Education Loan,Course List, Application Form, Institute, Fees, Eligibility, Documents, Portal, Helpline toll free Number]
भारत सरकार ने हाल ही में एक नई योजना शुरुआत करी है जिसमें विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ाई करने के लिए मौका दिया जाएगा। भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में मिलकर एक नई योजना शुरुआत करी है जिसका नाम है स्टडी इन इंडिया। इस योजना के तहत अब प्रवासी छात्र बड़ी ही आसानी से भारत में स्टडी कर सकेंगे और उन्हें पूरी सुविधा दी जाएगी।भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा विदेशी आना चाहते हैं और आकर यहां की संस्कृति यहां की कलाएं समझना चाहते है। इसी के साथ साथ भारत की शिक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के कार्यक्रमों को शुरू किया गया है ताकि कुछ वर्षों के दौरान माध्यमिक प्राथमिक और विश्वविद्यालय शिक्षा में कुछ बड़े पैमाने पर अच्छे बदलाव लाए जा सकें। इससे नहीं हमारी शिक्षा प्रणाली में सुधार होता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमारी राष्ट्रीय शिक्षा का प्रतिशत और अनुमानित अंकगणित में भी सुधार होता है।इसी को देखते हुए भारतीय विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों के लिए एक नया रास्ता खोला है। तो चलिए जानते हैं स्टडी इन इंडिया के बारे में पूरी जानकारी –
योजना का नाम | “स्टडी इन इंडिया” योजना |
योजना किस देश में | भारत |
योजना किसके द्वारा लागू की गई | नरेंद्र मोदी |
योजना घोषणा दिनांक | मार्च 2018 |
योजना का चालन | मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विदेश मंत्रालय |
अधिकारिक वेबसाइट | https://www.studyinindia.gov.in |
हेल्पलाइन नम्बर | +91 9899-450-350 |
E- मेल एड्रेस | Help.studyinindia@gov.in |
लक्ष्य | विदेशी छात्र छात्राओं को भारत में उच्च शिक्षा के लिए आकर्षित करना। |
स्टडी इन इंडिया योजना के प्राथमिक उद्देश्य
1.भारतीय शिक्षा के स्तर को उच्च बनाना -आज से यदि आप 10 साल पहले देखते हैं तो हमारी शिक्षा प्रणाली काफी पिछड़ी हुई थी।2010 के बाद हमारी शिक्षा प्रणाली में काफी नए नए बदलाव किए गए।इसलिए भारत सरकार ने विदेशी छात्र छात्राओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम शुरू किए हैं।ताकि विदेशी छात्र-छात्राएं बिना किसी रूकावट के भारत में आकर अपनी शिक्षा प्राप्त करें और इसी के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय शिक्षा प्रणाली का स्तर भी ऊपर उठेगा।
2.छात्र-छात्राओं में कौशल का विकास -अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छात्र-छात्राओं में कौशल तो बहुत होता है लेकिन वह अन्य रूटों के कारण अपने कौशल को सही स्थान पर काम में नहीं ले पाते हैं। ऐसे में भारतीय छात्र छात्राओं और विदेशी छात्र छात्राओं को साथ में शिक्षा देने का यह फैसला छात्र-छात्राओं के कौशल का उच्च स्तर पर विकास करना है।
3.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छात्र-छात्राओं को आकर्षित करना -भारत ने इस योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक बेहतर और सुगम वातावरण के साथ अच्छी शिक्षा का वादा किया है।ना किसी के साथ-साथ उन्हें अन्य कई प्रकार की फीस माफ और स्कॉलरशिप ऑफर देकर उन्हें भारत में शिक्षा प्राप्त करने के लिए आकर्षित किया जा रहा है।
4.बाहरी देशों के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध -इस कार्यक्रम के तहत जिस प्रकार धीरे-धीरे भारत में शिक्षा प्राप्त करने के लिए आएंगे वैसे वैसे भारत और अन्य देशों के साथ राजनीतिक संबंध और अन्य प्रकार के संबंध काफी हद तक सुधरेंगे। इस कार्यक्रम के तहत विदेशी देशों के साथ अच्छे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंध बनाना भी एक मकसद है।
5.अकादमी क्षेत्रों में विदेशी छात्रों की हिस्सेदारी बढ़ाना- हाल ही में अकादमी क्षेत्रों की एक रिपोर्ट से यह पता चला है कि भारत में विदेशी छात्रों का प्रतिशत बहुत ही कम है। इसके चलते हुए भारत में शिक्षा का स्तर भी काफी गिरने लगा है।इसी को देखते हुए इस कार्यक्रम के साथ-साथ केंद्र सरकार इस अकादमी क्षेत्रों में विदेशी छात्रों का प्रतिशत
- भारत के अंदर शिक्षा प्रणाली में सुधार करना –
यदि सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगी तो भारतीय छात्र छात्राओं की शिक्षा प्रणाली में भी काफी सुधार होगा। भारतीय छात्र छात्राओं को भी विदेशों में जाकर अच्छी पढ़ाई और अच्छा प्लेसमेंट के लिए भी हतोत्साहित किया जाएगा।
- अच्छी शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध करवाना – यह योजना भारत के शैक्षणिक कल्याण के साथ-साथ केंद्र में और प्रत्येक राज्य में अच्छी शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने की एक मुहिम है। जैसे जैसे विदेशी छात्र छात्राएं अधिक संख्या में भारत में शिक्षा प्राप्त करने आएंगे वैसे वैसे भारत की शैक्षणिक बुनियादी ढांचे में काफी विकास होगा और यह देश के भविष्य के लिए एक बेहतर मार्गदर्शन होगा।
स्टडी इन इंडिया योजना की मुख्य विशेषताएं –
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेशी छात्रों को आकर्षित करना -इस कार्यक्रम के तहत भारत सरकार का यही सबसे बड़ा लक्ष्य यह है कि विदेशी छात्रों को अच्छी शिक्षा दिलवाने के लिए भारत आकर्षित करना। भारत को उनके सामने एक शैक्षणिक गंतव्य के रूप में लॉन्च करना।
- ज्यादा से ज्यादा फीस को माफ करना -आवेदन करने के पश्चात जितने भी छात्रों का भारतीय विश्वविद्यालयों में चयन होता है उन सभी में से मेधावी छात्रों को लगभग 100% तक फीस माफ करना। इसके द्वारा वे विश्वविद्यालय की कई योजनाओं के तहत स्कॉलरशिप भी प्राप्त कर सकते हैं।
- विदेशी छात्रों के लिए अलग से सीटों का आवंटन – केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत विदेशी छात्रों के लिए भारतीय छात्रों के अलावा अलग से कुछ सीटें रखी जाती हैं। जिन्हें विदेशी छात्र बड़ी ही आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और उनके लिए विशेष पाठ्यक्रम और 10 से 15% तक सीटों का आवेदन भी रखा गया है।
- भारतीय विश्वविद्यालयों को एक अच्छी स्थिति में लाना -भारतीय विश्वविद्यालयों का बुनियादी ढांचा काफी कमजोर है और वहां पर शिक्षा का स्तर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर से काफी हद तक कम है ऐसे में इस तरह की योजनाएं विदेशी छात्रों के आने पर भारतीय शिक्षा प्रणाली में भी बेहतर बदलाव आएंगे।भारतीय विश्वविद्यालय पर भी एक जिम्मेदारी आ जाएगी विदेशी छात्रों को अच्छे से अच्छी शिक्षा दिलवाने की।
- भारतीय विश्वविद्यालय द्वारा मेरिट की सूची विदेशी छात्रों के लिए और फीस स्ट्रक्चर –
ट्यूशन फीस माफी का प्रतिशत | 25% | |
कुल पाठ्यक्रम शुल्क का 100% | 25% | |
कुल पाठ्यक्रम शुल्क का 50% | 25% |
स्टडी इन इंडिया योजना के लिए आवेदन कैसे करें –
स्टडी इन इंडिया योजना के लिए आवेदन फॉर्म आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर मिल जाएगा जहां से आप इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं बिना किसी परेशानी के।(https://www.studyinindia.gov.in/ )
- सबसे पहले आपको अधिकारी वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करवाना होगा जिसके लिए बायकोने के पृष्ठ पर आपको एक लिंक दिखाई देगा जहां पर छात्र प्रवेश या फिर आवेदन का विकल्प दिखाई देगा।
2.उस पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक लॉगइन पेज खुलेगा जिसको नीचे स्क्रॉल करते हुए आपको पंजीकरण का विकल्प दिखाई देगा जिस पर आप को क्लिक करना है।
- अब आपके सामने ऑनलाइन आवेदन करने का फॉर्म खुल जाएगा जहां पर आपको अपनी सभी जरूरी दस्तावेज ई कार्यवाही करनी है और फॉर्म को अच्छे से भरना है।
- सभी जरूरी दस्तावेजों को उनके सभी क्षेत्रों में भरने के बाद आपको साइन अप बटन पर क्लिक करना होगा जहां से पंजीकरण की क्रिया संपूर्ण होगी।
5.एक बार आवेदन यानी कि पंजीकृत करवाने के बाद आप सीधे इस आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से अपना पाठ्यक्रम और कॉलेज या फिर विश्वविद्यालय का चयन बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं।
निष्कर्ष – ऊपर दी गई इन सभी जानकारियों के द्वारा आपको अब समझ में आ ही गया होगा कि भारत सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए कितना कारगर साबित होगा और किस प्रकार विदेशी छात्र बिना किसी परेशानी के अपना आवेदन भारती विश्वविद्यालय में बड़ी आसानी से कर सकते हैं।वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में शिक्षा के उच्च स्तरीय रूप को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को एक नई छवि दिलाएगा। इसके अलावा भारतीय छात्र पहले से बेहतर शैक्षणिक सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे और साथ ही साथ विदेशी छात्र-छात्राएं भी।
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