डाटा क्या है, प्रकार, डाटा साइंस क्या है, डाटा एंट्री क्या है, यूनिट, डाटा प्रोसेसिंग क्या है, स्पीड, डेटाबेस क्या है (What is Data and its Types in Hindi) (Data Types, Entry, Unit, Processing, Speed, Database, Analytics, Science, Structure)
आज हम डाटा शब्द के बारे में चर्चा करने वाले है, क्योंकि जो लोग इंटरनेट और कंप्यूटर से वाकिफ है अक्सर उन्हें डाटा शब्द का सामना करना ही पड़ता है। डाटा के कई प्रकार होते हैं। जैसे कि ऑफलाइन डाटा, ऑनलाइन डाटा इत्यादि। वर्तमान के समय में डाटा का इस्तेमाल ऑनलाइन लगभग अधिकतर जगह किया ही जा रहा है, क्योंकि कंपनी और बिजनेस के लिए डाटा बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और जब डाटा महत्वपूर्ण है तो इसके बारे में जानकारी भी अवश्य ही होनी चाहिए, तो चलिए जानते हैं कि आखिर डाटा क्या है और डाटा प्रोसेसिंग क्या है।
डाटा क्या है (What is Data)
हमारे पास किसी भी प्रकार की जो इंफॉर्मेशन उपलब्ध होती है या फिर किसी भी प्रकार का जो रिकॉर्ड अवेलेबल होता है उसे रिप्रेजेंट करने के लिए डाटा शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। डाटा शब्द को फैक्ट अथवा इंस्ट्रक्शन को एक बेहतरीन रूप से प्रजेंट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हम डाटा को आवश्यकता पड़ने पर कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर उसका अर्थ निकालने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं अथवा डाटा की प्रोसेसिंग भी कर सकते हैं। लैटिन शब्द में डाटा का मतलब Datum होता है। डाटा में कुछ भी शामिल हो सकता है। डाटा में शब्द, टेक्स्ट, साउंड, फोटो या फिर वीडियो शामिल हो सकता है। इसके अलावा गणित के नंबर भी डाटा में शामिल हो सकते हैं। आपके मोबाइल में आपने जिन लोगों के फोन नंबर को सेव किया हुआ है, उसे भी डाटा कहां जा सकता है। इसके अलावा आपने अपने कंप्यूटर में या स्मार्टफोन में जो फाइल क्रिएट करके रखी है उसे भी डाटा ही कह सकते हैं। डाटा जब Raw फार्म में होता है, तब वह किसी भी काम का नहीं होता है, परंतु जब इसकी प्रोसेसिंग की जाती है और इंफॉर्मेशन को रेडी किया जाता है तब यह हमारे लिए बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
डेटाबेस क्या है (What is Database)
यह डाटा का कलेक्शन होता है। डाटा कलेक्शन में किसी भी चीज का डाटा हो सकता है। जैसे कि किसी कॉलेज का डाटा, किसी कंपनी का डाटा या फिर किसी संस्थान का डाटा। डेटाबेस में जो डाटा डाले जाते हैं उसे ऐसे ही नहीं डाल दिया जाता है बल्कि उन्हें एक अच्छी संरचना में व्यवस्थित करके डाला जाता है।
इंफॉर्मेशन क्या है (What is Information)
हिंदी में इंफॉर्मेशन को जानकारी कहा जाता है। जब डाटा को प्रोसेस किया जाता है और उसके बाद जो आउटपुट प्राप्त होता है उसे ही आप इंफॉर्मेशन कह सकते हैं। डाटा के मुकाबले में इंफॉर्मेशन को समझना आसान होता है। अगर इंफॉर्मेशन की व्याख्या की जाए तो डाटा को व्यक्ति के समझने लायक बनाने के लिए जिस फॉर्मेट में कन्वर्ट किया जाता है उसे ही इंफॉर्मेशन कहते हैं। एग्जांपल के तौर पर अगर आप यह सर्च करेंगे कि दुनिया में सबसे महंगी बाइक किसके पास है तो इसके तहत बहुत सारे डेटा आपको मिल जाएंगे परंतु उन सभी डेटा को एक ही आर्टिकल में इस्तेमाल करके जो जानकारी निर्मित की जाएगी, उसे इंफॉर्मेशन कहा जाएगा।
डाटा और इंफॉर्मेशन में अंतर (Difference b/w Data and Information)
डाटा के अंदर विभिन्न वैल्यू के कलेक्शन के तौर पर जानकारी मौजूद होती है। डाटा में जो जानकारी होती है वह शब्दों के तौर पर भी हो सकती है या फिर संख्या के तौर पर हो सकती है या फिर ऑडियो, वीडियो के तौर पर भी हो सकती है या फिर इन सभी का मिक्सचर भी हो सकती है। परंतु दूसरी तरफ जो इंफॉर्मेशन होता है, वह भी डाटा ही होता है, परंतु इंफॉर्मेशन कुछ इस प्रकार से होता है कि डाटा के मुकाबले में इंफॉर्मेशन को समझना और पढ़ना आसान होता है। डाटा की तुलना अगर इंफॉर्मेशन से की जाए तो एक इंसान इंफॉर्मेशन को तेजी से पढ़ सकता है और उसे समझ सकता है, जबकि डाटा को पढ़ने में और उसे समझने में उसे अधिक समय लगेगा।
डाटा प्रोसेसिंग क्या है (What is Data Processing)
रो डाटा को जब प्रोसेस किया जाता है और इंफॉर्मेशन प्राप्त करने की प्रक्रिया की जाती है तो इसे ही डाटा प्रोसेसिंग कहा जाता है। डाटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया टोटल 3 चरणों से होकर गुजरती है, जिसके तहत पहले इनपुट दिया जाता है, उसके बाद उस पर प्रोसेसिंग होती है और फिर आउटपुट मिलता है। नीचे यह प्रक्रिया विस्तार से बताई जा रही है।
- डाटा प्रोसेसिंग की पहली प्रक्रिया में इनपुट देना होता है। इनपुट देने के लिए माउस या फिर कीबोर्ड जैसे इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल किया जा सकता है। इनके द्वारा आपको जो इनपुट देना होता है वह इनपुट आप देते हैं। माउस अथवा कीबोर्ड के द्वारा जब इनपुट दिया जाता है तो वह बायनरी फॉर्मेट में कंप्यूटर में जाता है।
- इनपुट प्रदान कर देने के पश्चात सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के द्वारा जो डाटा इनपुट किया गया है उस पर प्रोसेसिंग की कार्रवाई को शुरू कर दिया जाता है। इस दरमियान कंप्यूटर इस बात को समझने का प्रयास करता है कि उसे जो डाटा मिला हुआ है वह किस प्रकार का इनपुट डाटा है।
- डाटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया जब कंप्लीट हो जाती है तो उसके पश्चात आउटपुट के तौर पर इंफॉर्मेशन हासिल हो जाती है। यह इंफॉर्मेशन डिवाइस के स्क्रीन पर दिखाई देती है। आउटपुट के तौर पर जो इंफॉर्मेशन हासिल होता है, उसे चाहे तो स्टोर भी किया जा सकता है।
डाटा को कैसे दर्शाया जाता है (How the Data is Represented)
एनालॉग डाटा और डिजिटल डाटा! यही दो डाटा को दर्शाने के मुख्य दो तरीके हैं। आईए इनकी जानकारी प्राप्त करते हैं।
Analog Data
फिजिकल तरीके से जिस डाटा को दर्शाया जाता है उसे ही एनालॉग डाटा कहा जाता है। इसे फिजिकल मीडिया में स्टोर करके रखा जाता है। जैसे कि वीसीआर कैसेट इत्यादि।
डिजिटल डाटा
डिजिटल फॉर्मेट में जिस डाटा को दर्शाया जाता है उसे डिजिटल डाटा कहते हैं। आपके मोबाइल में या फिर कंप्यूटर में जो फाइल, फोटो, वीडियो इत्यादि चीजें मौजूद है, वह डिजिटल डाटा के तहत ही आती है।
डाटा स्टोर कैसे करते हैं (How to Store Data)
डाटा को सुरक्षित रखने के लिए उसका स्टोरेज करना बहुत ही आवश्यक होता है। सामान्य तौर पर डाटा को स्टोर करने के लिए टेंपरेरी स्टोरेज अथवा परमानेंट स्टोरेज का इस्तेमाल किया जाता है।
टेंपरेरी स्टोरेज (Temporary Storage)
इसे अस्थाई भंडारण कहा जाता है। डिवाइस के रेंडम एक्सेस मेमोरी अर्थात रैम में जो डाटा होता है वह टेंपरेरी होता है। यह तभी तक उसमें मौजूद होता है जब तक आपका डिवाइस पावर ऑन रहता है। जैसे ही आपका डिवाइस पावर ऑफ होता है वैसे ही रैम के अंदर मौजूद डाटा अपने आप डिलीट हो जाता है। आप कंप्यूटर में रियल टाइम में जो काम करते हैं, उसका डाटा आपके कंप्यूटर के रैम में ही जाकर स्टोर होता है।
परमानेंट स्टोरेज (Permanent Storage)
इसे हिंदी में स्थाई भंडारण कहा जाता है। हार्ड डिस्क ड्राइव, एसएसडी इत्यादि का इस्तेमाल डाटा को परमानेंट स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड इत्यादि चीजों का भी इस्तेमाल डाटा को परमानेंट स्टोर करने के लिए किया जाता है। परमानेंट जो डाटा स्टोर किए जाते हैं, उसका जब चाहे तब हम इस्तेमाल कर सकते हैं और जब चाहे तब उसे डिलीट भी कर सकते हैं।
डाटा के प्रकार (Data Types)
डाटा के कई प्रकार होते हैं, उनमें से जो मुख्य प्रकार के डाटा है, उनकी जानकारी नीचे दी गई है।
न्यूमेरिकल डाटा
इसे संख्यात्मक डाटा भी कहा जाता है। इस प्रकार का डाटा ऐसा डेटा होता है, जिसमें 0 संख्या से लेकर के 9 तक के सभी नंबर उपलब्ध होते हैं। कैलकुलेशन करने के लिए बड़े पैमाने पर संख्यात्मक डाटा का इस्तेमाल किया जाता है।
साइन डाटा
इसे चिन्हात्मक डाटा कहा जाता है। किसी शब्द के बीच में इस प्रकार के डाटा को यूज में लिया जाता है। इसे ट्रैफिक सिंबल के तौर पर भी समझा जा सकता है। साइन डाटा में अन्य कई प्रकार के निशान होते हैं।
ऑडियो डाटा
यह जो ऑडियो डाटा होता है यह MP3 फॉर्मेट में होता है। अगर आपने अपने मोबाइल में किसी भी प्रकार की आवाज को रिकॉर्ड किया है तो उसे ऑडियो डाटा ही कहा जाएगा। ऑडियो डाटा शेयरेबल होता है
वीडियो डाटा
वीडियो डाटा का फॉर्मेट MP4 फाइल होता है। आसानी से वीडियो डाटा को किसी भी कंप्यूटर अथवा स्मार्ट फोन में सेव किया जा सकता है।
ग्राफिक डाटा
विभिन्न प्रकार के पिक्चर और एनिमेशन ग्राफिक डाटा के तहत आते हैं। जो ग्राफिक डाटा होता है, इनका फॉर्मेट जेपीईजी अथवा पीएनजी होता है।
टेक्स्ट डाटा
इस प्रकार का डाटा हिंदी भाषा में भी हो सकता है या फिर अंग्रेजी भाषा में हो सकता है अथवा पंजाबी भाषा में भी हो सकता है या फिर अन्य किसी भी भाषा में हो सकता है। इसके अलावा 2 भाषाओं का मिक्सचर भी हो सकता है।
वर्णमाला डाटा
वर्णमाला डाटा में अंग्रेजी के ए से लेकर जेड तक के डाटा आते हैं और हिंदी के का से लेकर ज्ञ तक के डाटा आते हैं। इस प्रकार के डाटा को अल्फाबेटिक डाटा भी कहते हैं। इसमें जो कैपिटल लेटर होते हैं वह भी शामिल होते हैं और लोअर केस लेटर भी अवेलेबल होते हैं।
डाटा के फायदे (Data Benefit)
डाटा के एडवांटेज क्या है, आइए जानते हैं।
सोशल मीडिया इंगेजमेंट
अपने बिजनेस को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया सहायक साबित होता है। सोशल मीडिया में बिजनेस के लिए इंटरेक्शन को ट्रैक करने में डाटा बहुत ही सहायक साबित होता है। इसके द्वारा यूजर के इंटरेस्ट के बारे में जानकारी प्राप्त होती है, साथ ही उसके बिहेवियर के बारे में भी पता चलता है।
ट्रेंडिंग प्रोडक्ट ओर सर्विस का आकलन करना
डाटा एनालिसिस करने के पश्चात आपको इस बात का भी अंदाजा लग जाता है कि आगे चलने पर आपके कौन से आइटम या फिर सर्विस की डिमांड मार्केट में अधिक होगी। इससे आप पहले से ही तैयारी करने का प्रयास करते हैं।
समस्या का समाधान
आप किसी बिजनेस के मालिक है तो डाटा के द्वारा आप इस बात की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि आइटम या फिर सर्विस में कौन सी प्रॉब्लम आ रही है और कैसे आप जो समस्या आ रही है उसका निवारण कर सकते हैं। एग्जांपल के तौर पर अगर आपके द्वारा दिए जाने वाले कोई आइटम या फिर सर्विस लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है, तो आप उस आइटम अथवा सर्विस पर लोगों के आए हुए रिव्यु के आधार पर उसे बेहतरीन बनाने का प्रयास कर सकते हैं, ताकि कस्टमर को अच्छी सुविधा हासिल हो सके।
सही कस्टमर तक पहुंचना
डाटा के द्वारा आप अपनी सर्विस या फिर आइटम के लिए सही कस्टमर तक अपनी पहुंच बना सकते हैं। एग्जांपल के तौर पर अगर आप ऑनलाइन सर्विस अथवा आइटम बिक्री का काम करते हैं। तो आप इसके तहत प्राप्त डाटा के अनुसार यह जान सकते हैं कि कौन सी लोकेशन से लोग आपकी सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर आप के आइटम की खरीदारी कर रहे हैं। इन आंकड़े के द्वारा आप सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
डाटा को मापने की इकाई (Data Unit)
डाटा को मापने की जो सबसे छोटी इकाई होती है, उसे बिट कहा जाता है। इसके अलावा डिजिटल फॉर्मेट में जो डाटा होते हैं, उन्हें निम्न इकाइयों में मापा जाता है।
1 Bit | 1 Binary Digit |
4 Bits | 1 Nibble |
8 Bit | 1 Byte |
1024 Byte | 1 Kilobyte |
1024 Kilobyte | 1 Megabyte |
1024 Megabyte | 1 Gigabyte |
1024 Gigabyte | 1 Terabyte |
1024 Terabyte | 1 Petabyte |
होमपेज | यहां क्लिक करें |
टेलीग्राम चैनल | यहां क्लिक करें |
FAQ
Q : डेटा किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?
Ans : कंप्यूटर जिन्हें प्रोसेस करने लायक समझता है उसे डाटा कहते हैं जिसके कई प्रकार होते हैं। जैसे की ऑडियो, वीडियो, शब्द।
Q : डाटा का क्या अर्थ है?
Ans : डाटा का अर्थ है अलग-अलग छोटी-छोटी जानकारियों का ग्रुप अथवा समूह।
Q : डाटा और उदाहरण क्या है?
Ans : डाटा आंकड़ा, फोटो, संख्या, ग्राफिया, सिंबल के तौर पर आ सकता है। एग्जांपल के तौर पर डाटा में अलग-अलग कीमत, वजन, एड्रेस, उम्र, नाम, टेंपरेचर, तारीख इत्यादि शामिल हो सकती है।
Q : डाटा संग्रहण क्या है?
Ans : डाटा स्टोर करने को ही डाटा संग्रहण कहते हैं।
Q : डाटा कितने प्रकार के होते हैं?
Ans : डाटा अनेक प्रकार के होते हैं।
अन्य पढ़ें –