ट्विन टावर क्यों गिराया गया (मालिक का नाम )

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नोएडा का twin tower, जो कुतुब मीनार से भी ज्यादा ऊंचा था उसे आज दोपहर 2:30 बजे गिरा दिया गया है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस टावर को गिराने के लिए 3700 किलो बारूद का इस्तेमाल किया गया है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस टावर को गिराने के बाद इससे करीब 55,000 से 80,000 मलवा निकलेगा। जिसे साफ करने में 3 महीने तक का समय लग सकता है। इतने बड़े टावर के गिरने के कारण वातावरण में धूल के कणों की मात्रा बढ़ जाने से दिल्ली और नोएडा क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या तो आएगी ही पर साथ ही साथ मथुरा और आगरा के क्षेत्र में भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।

नोएडा टावर के गिरने से दिल्ली के किन क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ेगा ?

जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया कि इतने बड़े टावर के धारासाह हो जाने से हवा में धूल के कणों की मात्रा बढ़ जाएगी और इसका सीधा प्रभाव नोएडा क्षेत्र के सेक्टर 91, 26, 126, 137, 93B, Advant IT पार्क और छपरौली 1 तक होगा। मतलब आप यह समझ सकते हैं कि इस बिल्डिंग के गिर जाने से दिल्ली और नोएडा के आसपास के इलाके में वायु प्रदूषण काफी हद तक बढ़ जाएगा।

नोएडा ट्विन टावर को गिराने में कितना खर्च आया है ?

अगर आपको लग रहा है कि इतने बड़े बिल्डिंग को गिराना एक मामूली सी बात है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि इस टावर को गिराने में 17.55 करोड रुपये खर्च हुए हैं जो कि बहुत ज्यादा है। ‌आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बिल्डिंग में अब तक 950 से ज्यादा फ्लैट बन चुके थे! और इस बिल्डिंग को बनाने में 200 से 300 करोड रुपए खर्च हो चुके थे। पर सरकार के नियमों का पालन ना करने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इस टावर को गिराने का फैसला दिया है।‌

नोएडा ट्विन टावर को क्यों गिराया जा रहा है ?

नोएडा ट्विन टावर को लोगों के भ्रष्टाचार के कारण गिराया जा रहा है! कहने का मतलब यह है कि सरकार ने बिल्डर को 24 मंजिल टावर खड़ा करने की इजाजत दी थी लेकिन बिल्डर ने अपनी मर्जी से 32 मंजिल बिल्डिंग खड़ी कर दी। इतना ही नहीं 24 नवंबर 2004 में जमीन की जांच परख करने में भी लापरवाही बरती गई थी।

साथ ही दोनों टावरों के बीच की दूरी सिर्फ 9 मीटर रखी गई थी जबकि सरकार ने टावर की बीच की दूरी 16 मीटर तय की थी। 2009 में सरकार की नजरों में धूल झोंकते हुए इस टॉवर की नींव रखी जा रही थी।

आसपास के लोगों से बातचीत करने पर पता चला है कि जहां सरकार ने बिल्डिंग के लिए 24 मंजिल बनाने की इजाजत दी है वही बिल्डर ने टावर की नीव 40 मंजिल बिल्डिंग बनाने के हिसाब से बनाई है।

बिल्डिंग बनाने में की गई इतनी सारी गड़बड़ी के कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने इतना बड़ा फैसला किया है ताकि लोग इससे सबक ले खासकर बिल्डर इससे सबक लें और इस तरह का भ्रष्टाचार ना करें। आप को जानकर हैरानी होगी कि 32 मंजिल इस बिल्डिंग को सिर्फ 9 सेकेंड के अंदर मिट्टी के ढेर में बदल दिया गया है।

ट्विन टावर गिरने के बाद ऐसे होगी सफाई !

32 मंजिल बिल्डिंग के धूल में बदल जाने के बाद हर तरफ सिर्फ धूल ही धूल है जिसकी सफाई बेहद जरूरी है। इसीलिए प्राधिकरण का उद्यान विभाग ने नोएडा और दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों के पार्कों में पेड़ पौधे की सफाई की जिम्मेदारी ली है ताकि ऑक्सीजन का प्रवाह वातावरण में सही तरह से हो सके।

इसके अलावा एटीएस और एमराल्ड कोर्ट में साफ सफाई करने के लिए अलग से 50 50 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। इन कर्मचारियों के साथ-साथ सफाई के लिए स्वीपिंग मशीनों का इस्तेमाल भी किया जाएगा। वातावरण से धूल साफ करने के लिए स्मॉग गन काम करेंगे।

ट्विन टावर गिरने से आसपास के बिल्डिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है !

जो लोग यह सोच रहे हैं कि इस टावर के गिरने से आसपास कि टावर के आस पास बिल्डिंग पर कोई प्रभाव पड़ा है या नहीं, तो बता दें टावर के गिरने से किसी भी बिल्डिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। वहां के लोगों ने यह बताया है कि बिल्डिंग के गिर जाने से उन्हें बस हल्का सा झटका महसूस हुआ था। इसके अलावा के ट्रैफिक डीएसपी ने यह भी कहा है कि ट्विन टावर को गिरा देने के बाद भी ट्रैफिक सिस्टम में कोई समस्या नहीं आएगी क्योंकि इसके लिए अलग से ही इमरजेंसी गेट तैयार कर दिया गया है।

ट्विन टावर पर इस तरीके से किया गया है ब्लॉस्ट !

ऐसा सुनने में आया है कि ट्विन टावर के दोनों टावर के 10 10 मंजिलों पर ब्लास्ट की जाएगी। जिसमे बी-1, 2, 6, 10, 14, 18, 22, 26 और 32 मंजिल शामिल है। इसके अलावा दोनों टावरों की 8 मंजिलों पर सेकेंडरी ब्लास्ट की गई है। जिसमें 4, 8, 12, 16, 20, 24, 28 और 30 मंजिल शामिल है।

प्रश्न: Twin tower कब और कितने बजे गिरी ?

उत्तर: 29 अगस्त 2022, दोपहर 2:30 बजे!

प्रश्न: नोएडा टावर को गिराने में कितना खर्च हुआ ?

उत्तर: नोएडा टावर को गिराने में 17.55 करोड रुपये खर्च हुए हैं।

प्रश्न: नोएडा टावर को गिराने में कितना समय लगा ?

उत्तर: 9 सेकेंड में नोएडा टावर को गिराया गया है!

प्रश्न: नोएडा टावर को कितनी मंजिल बनाने का ऑर्डर मिला था ?

उत्तर: 24 मंजिल

प्रश्न: नोएडा टावर गिराने में कितना बारूद लगा ?

उत्तर: इस टावर को गिराने के लिए 3700 kg बारूद का इस्तेमाल हुआ है।

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