यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है, उदहारण, प्रकार, नाम (Utility Software in Hindi)

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है, उदहारण, प्रकार, नाम, कौन-कौन से है (Utility Software in Hindi) (Definition, Examples, Types, Download)

कंप्यूटर के जरिए विभिन्न कार्यों को करने के लिए हमारे द्वारा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। प्रत्येक सॉफ्टवेयर का कार्य अलग अलग होता है। जैसे कि रिज्यूम बनवाने के लिए एमएस वर्ड का इस्तेमाल करने की आवश्यकता होती है वही कंप्यूटर की बेकार फाइल को हटाने के लिए डिस्क क्लीनर का इस्तेमाल किया जाता है। यह बात ध्यान देने वाली है कि कंप्यूटर के अंदर इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग सॉफ्टवेयर में यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का भी काफी महत्व होता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है और यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के प्रकार क्या हैं।

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Table of Contents

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है (What is Utility Software)

कंप्यूटर का विश्लेषण करने, कंप्यूटर को मेंटेन और ऑप्टिमाइज करने का कार्य जिस सॉफ्टवेयर के द्वारा किया जाता है उसे ही यूटिलिटी सॉफ्टवेयर कहा जाता है। यूटिलिटी को सर्विस प्रोग्राम के नाम से भी जाना जाता है। कंप्यूटर में अगर फाइल का मैनेजमेंट करना है तो इसके लिए यूटिलिटी सॉफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा अगर फाइल का बैकअप तैयार करना है या फिर कंप्यूटर को वायरस से बचाना है तो यह सभी काम भी यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा कंप्यूटर के अंदर किया जाता है। यूटिलिटी सॉफ्टवेयर कहीं डिवाइस में पहले से ही ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आते हैं और कई डिवाइस में यह थर्ड पार्टी डेवलपर के द्वारा बनाए जाते हैं। यूटिलिटी सॉफ्टवेयर को हिंदी भाषा में उपयोगिता सॉफ्टवेयर कहा जाता है। कंप्यूटर अपना काम बेहतरीन तरीके से कर सके और तेज गति के साथ कर सके, इसके लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए यूटिलिटी प्रोग्राम को डेवलपर के द्वारा क्रिएट किया जाता है। यह प्रोग्राम कंप्यूटर की परफॉर्मेंस को सुधारने का काम करते हैं जिसकी वजह से यूजर सरलता के साथ कंप्यूटर पर अपने किसी भी प्रकार के काम को अंजाम दे सकता है।

यूटिलिटी प्रोग्राम क्या है (What is Utility Program)

किसी सिस्टम के ऑपरेटिंग सिस्टम के मेंटेनेंस और उसके मैनेजमेंट का ख्याल जिस प्रोग्राम के द्वारा रखा जाता है उसे ही यूटिलिटी प्रोग्राम कहते हैं जो कि एक विशेष प्रकार का स्पेशल सॉफ्टवेयर होता है। यूटिलिटी प्रोग्राम के द्वारा यह सभी काम इसलिए किए जाते हैं ताकि कंप्यूटर की परफॉर्मेंस हाई लेवल की रहे। यूटिलिटी प्रोग्राम किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम का भाग हो सकते हैं या फिर यह दूसरे किसी थर्ड पार्टी डेवलपर के द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट भी हो सकते हैं। कंप्यूटर में किसी भी फाइल को सर्च करने के लिए या फिर नेटवर्क कनेक्शन को सेट करने के लिए अथवा फाइल को दूसरे फोल्डर में ले जाने के लिए यूटिलिटी प्रोग्राम टूल का इस्तेमाल करने की आवश्यकता होती है।

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के उदाहरण (Utility Software Examples)

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के एग्जांपल बहुत सारे हैं जिनमें से प्रमुख एग्जांपल नीचे आपके सामने हमने प्रस्तुत किए हुए हैं।

  • एंटीवायरस
  • फाइल मेनेजर
  • स्क्रीन सेवर
  • एन्क्रिप्शन टूल
  • फॉण्ट
  • डेबुग्गेर्स
  • मेमोरी टेस्टर
  • स्पेस क्लीनर

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के प्रकार (Utility Software Types)

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के विभिन्न प्रकारों में से नीचे हमने पांच मुख्य प्रकार की चर्चा की है साथ ही उसकी जानकारी भी दी हुई है।

फाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम

फाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम में उन सभी अलग-अलग प्रकार के डाटा अलग-अलग प्रकार की फाइल के तौर पर सेव रहते हैं, जो कंप्यूटर की मेमोरी में होते हैं। क्योंकि उन सभी डाटा को मैनेज करने का काम फाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम के द्वारा किया जाता है। इस प्रोग्राम की सहायता से कंप्यूटर में मौजूद सभी फाइल को सरलता के साथ यूजर के द्वारा मैनेज किया जा सकता है। वह इस प्रोग्राम की सहायता से किसी फाइल को सुरक्षित कर सकता है। किसी फाइल को डिलीट कर सकता है। फाइल में जो डाटा मौजूद है उसकी एडिटिंग कर सकता है। फाइल के नाम को चेंज कर सकता है। फाइल को किसी दूसरी जगह पर कॉपी कर सकता है साथ ही फाइल की लोकेशन को भी चेंज कर सकता है। फाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम के द्वारा यूजर को फाइल Hierarchy एक्सेस करने की परमिशन दी जाती है और इसके द्वारा यूजर सरलता के साथ किसी भी फाइल को सर्च कर सकता है या उसे ढूंढ सकता है और प्राप्त कर सकता है और प्राप्त हो जाने के बाद उस पर वर्क करना स्टार्ट कर सकता है।

डिस्क मेनेजर और डिस्क क्लीनर

अपने कंप्यूटर में व्यक्ति के द्वारा जब किसी भी प्रकार के काम की प्रक्रिया को स्टार्ट किया जाता है तो काम करने के दरमियान कंप्यूटर में बहुत सारे फालतू के डाटा का निर्माण भी हो जाता है। और अगर लंबे समय तक उन फालतू के डाटा को नहीं हटाया जाता है तो इसकी वजह से कंप्यूटर के काम करने की स्पीड पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यूजर को चाहिए कि वह समय-समय पर कंप्यूटर में फालतू में बन गए डाटा को साफ करता रहे और यही काम कंप्यूटर में मौजूद डिस्क क्लीनअप प्रोग्राम करता है। इस प्रोग्राम के द्वारा कंप्यूटर में जो फालतू के डाटा होते हैं उन्हें बाहर निकाला जाता है जिसकी वजह से कंप्यूटर के काम करने की स्पीड पहले जैसी तेज हो जाती है। और कंप्यूटर बहुत ही आसानी से काम करता है। Defragmenters, Disk Partition Editor इत्यादि डिस्क मैनेजमेंट प्रोग्राम के एग्जांपल हैं।

फाइल कम्प्रेशन प्रोग्राम

कंप्यूटर में जो फाइल होती है उनके आकार को कमप्रेस करने का काम फाइल कंप्रेशन प्रोग्राम के द्वारा ही संपूर्ण किया जाता है, क्योंकि जब इस प्रोग्राम के द्वारा फाइल के आकार को कमप्रेस किया जाता है तो इसकी वजह से यूजर के ड्राइवर में जगह बचती है और वह ज्यादा डाटा को कंप्यूटर में शामिल कर सकता है। जब कंप्यूटर के अंदर मौजूद किसी फाइल के कंप्रेसर की प्रक्रिया को स्टार्ट किया जाता है तो इसकी वजह से फाइल कंप्रेस हो जाती है और उसका आकार थोड़ा सा कम हो जाता है, साथ ही फाइल प्रोटेक्ट भी हो जाती है। जब फाइल की ओरिजिनल साइज कम हो जाती है तो इसकी वजह से फाइल में वायरस आने का खतरा भी काफी कम हो जाता है। WinZip, WinRAR, 7ZIP इत्यादि थर्ड पार्टी यूटिलिटी सॉफ्टवेयर है।

सिक्यूरिटी प्रोग्राम

कंप्यूटर पर इंटरनेट चलाने की वजह से मालवेयर वायरस और हैकिंग का खतरा हमेशा बना ही रहता है और इसकी वजह से कंप्यूटर पर बहुत ही खराब इफेक्ट भी पड़ता है, साथ ही कंप्यूटर में हमारा जो डाटा मौजूद होता है उसके चोरी होने की संभावना भी काफी अधिक रहती है। इसलिए हमें सिक्योरिटी प्रोग्राम की आवश्यकता पड़ती है। कंप्यूटर में जो सिक्योरिटी प्रोग्राम मौजूद होते हैं वह कंप्यूटर में आने वाले मालवेयर वायरस से कंप्यूटर को बचाने का काम करते हैंल इसके अलावा ऑनलाइन हैकिंग से भी कंप्यूटर को सुरक्षित करते हैं। एंटीवायरस, फायरवॉल यह सभी यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के बहुत ही बेहतरीन उदाहरण है।

बेकअप और रिकवरी टूल

कंप्यूटर में मौजूद डाटा को या फिर फाइल को सुरक्षित रखने के लिए बैकअप और रिकवरी टूल बहुत ही आवश्यक होता है। कंप्यूटर के अंदर आपको तरह-तरह के यूटिलिटी सॉफ्टवेयर हासिल होते हैं जिसके द्वारा आप अपने डेटा का बैकअप क्रिएट कर सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर आपके डाटा का बैकअप दूसरी जगह पर बना देते हैं। बता दे कि गूगल ड्राइव, माइक्रोसॉफ्ट वनड्राइव यह सभी क्लाउड स्टोरेज के बेहतरीन उदाहरण है। रिकवरी सॉफ्टवेयर के द्वारा आप डिलीट किए गए डाटा को फिर से प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि जब आप एक बार डाटा मिटा देते हैं तो वह पूरी तरह से नहीं डिलीट होता है बल्कि वह डाटा रीसायकल बिन पर जाकर के इकट्ठा हो जाता है।

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के फायदे (Utility Software Benefit)

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के अनेक प्रकार के एडवांटेज में से कुछ मुख्य एडवांटेज की चर्चा नीचे हमने की है।

  1. यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा ही कंप्यूटर की मेमोरी को मैनेज किया जाता है और इसी की वजह से कंप्यूटर के काम करने की क्षमता बहुत ही अच्छी हो जाती है।
  2. अगर आपके कंप्यूटर में कोई बड़ी साइज की फाइल है तो उसे छोटे आकार में चेंज करने के लिए आप यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के अंतर्गत फाइल को कंप्रेस्ड किया जा सकता है। इसकी वजह से डिस्क स्पेस की बचत होती है।
  3. आप कंप्यूटर में अपने डाटा का बैकअप बनाने के लिए जो काम करते हैं वह यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा ही संभव हो पाता है।
  4. कंप्यूटर में अनावश्यक डाटा को क्लीन करने के लिए यूटिलिटी सॉफ्टवेयर ही काम करता है। यह खराब डाटा को हटाता है और कंप्यूटर की परफॉर्मेंस को सही करता है।
  5. कंप्यूटर में मौजूद यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा कंप्यूटर का मैनेजमेंट किया जाता है और इसी की वजह से हमें किसी भी फाइल को कंप्यूटर में ढूंढने में बहुत ही सरलता होती है।
  6. कंप्यूटर को खतरनाक वायरस से बचाने का काम यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा ही किया जाता है। यह खतरनाक वायरस को कंप्यूटर में आने से रोकता है।

प्रसिद्ध यूटिलिटी प्रोग्राम (Famous Utility Program)

  • सिस्टम लांचर

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अंतर (Difference b/w Utility and Application Software)

नीचे आपको इस बात की जानकारी दी गई है कि यूटिलिटी सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में मुख्य अंतर क्या है।

  • सामान्य तौर पर यूटिलिटी सॉफ्टवेयर बिल्कुल फ्री होते हैं परंतु जो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं वह अधिकतर पेड होते हैं।
  • यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का सबसे बेहतरीन उदाहरण एंटीवायरस है वहीं एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का सबसे अच्छा उदाहरण माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस है।
  • अगर हमें एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करना है तो हम इंटरनेट के द्वारा उसे डाउनलोड कर सकते हैं, वही जो यूटिलिटी सॉफ्टवेयर होते हैं वह कंप्यूटर का निर्माण करने वाली कंपनी पहले से ही कंप्यूटर में इनबिल्ट करके देती है। हालांकि हम चाहें तो वेब के द्वारा उन्हें डाउनलोड भी कर सकते हैं।
  • एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का काम भी ज्यादा रहता है और इसका आकार भी अधिक रहता है वही जो यूटिलिटी सॉफ्टवेयर होते हैं यह लिमिटेड मात्रा में ही काम करते हैं और इनका आकार भी ज्यादा नहीं होता है।
  • किसी भी प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का भाग एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर नहीं होते हैं क्योंकि यह बिल्कुल फ्री अर्थात स्वतंत्र होते हैं। हालांकि यह ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही डिपेंड रहते हैं। वही जो यूटिलिटी सॉफ्टवेयर होते हैं यह ऑपरेटिंग सिस्टम का ही हिस्सा होते हैं।
  • सामान्य व्यक्ति भी आसानी के साथ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकता है परंतु अगर किसी व्यक्ति को यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है तो उसे इसकी जानकारी लेनी पड़ेगी।
  • व्यक्ति की सुविधा के अनुसार एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का निर्माण और कंप्यूटर के साथ वर्क करने के लिए यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जाता है।
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FAQ

Q : यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है इन हिंदी?

Ans : कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सिस्टम

Q : उपयोगिता सॉफ्टवेयर क्या है?

Ans : उपयोगिता सॉफ्टवेयर ही यूटिलिटी सॉफ्टवेयर है।

Q : यूटिलिटी सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं?

Ans : मुख्य तौर पर 5

Q : प्रसिद्ध यूटिलिटी सॉफ्टवेयर कौन सा है?

Ans : सिस्टम लांचर

Q : यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का उदहारण क्या है?

Ans : एंटी वायरस, फाइल मैनेजर आदि.

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