China’s 5 Finger Policy : 70 साल से भारत पर कब्ज़ा करने की कोशिश, जानिए क्या है रणनीति

चीन की 5 फिंगर पालिसी क्या है, भारत पर कब्ज़ा (What is Chinas 5 Finger Policy in Hindi)

अपनी विस्तार वादी नीति की वजह से चीन लगातार भारत पर किसी ना किसी प्रकार से हमला करने का प्रयास करता ही रहता है, ताकि वह भारत की कुछ जमीन को अवैध रूप से अपने कब्जे में ले सके। हालांकि हर बार भारतीय सेना के द्वारा चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है। हाल ही में चीनी सैनिकों के द्वारा अरुणाचल प्रदेश के तवांग नाम के इलाके में घुसपैठ की गई, जिसका जवाब भारतीय सेना ने काफी तगड़ा दिया और चीनी सैनिकों के साथ झड़प करके उन्हें वापस खदेड़ दिया। चाइना के द्वारा केवल भारत ही नहीं बल्कि, नेपाल, भूटान, तिब्बत इत्यादि पर भी कब्जा करने की जो नीति है. उसे 5 फिंगर पॉलिसी का नाम दिया गया है। इसके बारे में हम यहां जानकारी देने जा रहे हैं.

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चीन की विस्तार वादी नीति क्या है (What is China’s Expansionism)

चीन सिर्फ भारत की जमीन को ही अपने कब्ज़े में नहीं लेता है, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों के साथ भी चीन का पानी और जमीन से संबंधित काफी पुराना विवाद रहा है। चीन के पड़ोस में आने वाले सभी देश चीन की इस विस्तार वादी नीति की वजह से हमेशा दुखी रहते हैं। अगर दुनिया के नक्शे पर नजर डाली जाए तो इस बात का पता चलता है कि चाइना देश के द्वारा तकरीबन 14 देशों के द्वारा बॉर्डर साझा किया जाता है और लगभग सभी देशों के साथ उसका सीमा विवाद चल रहा है। हालांकि चाइना की तरफ से लगातार इसे आकार देने में पूरा प्रयास किया जाता रहता है। चीन में जब साल 1949 में कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा काम संभाला गया था, तब से ही चीन की सरकार विस्तार वाद की नीति पर तेजी के साथ काम कर रही है। सरकार बनने के पश्चात चीन ने तिब्बत, पूर्वी तुर्किस्तान और इनर मंगोलिया जैसे इलाके पर कब्जा किया और जब गृह युद्ध हुआ तो उसके पश्चात चीन में से ताइवान अलग हुआ और अस्तित्व में आया। अभी भी चाइना के द्वारा ताइवान का पीछा छोड़ा नही गया है और लगातार उस पर अधिकार जमाने का प्रयास किया जाता रहता है। चाइना के द्वारा साल 1997 में हांगकांग और साल 1999 में मकाऊ पर भी अपना अधिकार जमा लिया गया।

चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया (Chinas Occupation of Indian Land)

भारत के विदेश मंत्री वी मुरलीधरण के द्वारा साल 2022 में ही लोकसभा के सेशन के दरमियान लिखित तौर पर इस बात को स्वीकार किया गया था कि तकरीबन 38,000 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर चाइना के द्वारा अवैध तौर पर कब्जा किया गया है और पिछले तकरीबन छह दशक से चाइना इस पर कब्जा करके बैठा हुआ है।

चीन ने पाकिस्तान की जमीन पर कब्जा किया (Chinas Occupied Pakistans Land)

पाकिस्तान के द्वारा तकरीबन 5180 वर्ग किलोमीटर का इलाका साल 1963 में चाइना को सौंप दिया गया था। यह इलाका पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर का है। हालांकि इस इलाके का भारत भी हिस्सेदार है। ऐसे में चाइना के द्वारा पीओके का तकरीबन 46180 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर कब्जा करने का इरादा है।

चीन की 5 फिंगर पालिसी (China 5 Finger Policy)

साल 2021 में अप्रैल के महीने में तिब्बत के निर्वासित गवर्नमेंट के प्रमुख लोबसांग सांगे के द्वारा चीन को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में उन्होंने बयान दिया था कि तिब्बत तो सिर्फ एक जरिया है, चीन का वास्तविक मकसद है कि वह हिमालय के ऐसे क्षेत्रों पर भी कब्जा करें जिसे उसके द्वारा 5 फिंगर कहा जाता है। तिब्बत के पश्चात चीन अपने कदम भारत की ओर आगे बढ़ा रहा है और अपनी फाइव फिंगर पॉलिसी पर अमल करते हुए उसे पूरा करने के लिए चीन की आर्मी के द्वारा लगातार सीमा पर भारतीय आर्मी के साथ टेंशन पैदा करने का काम किया जाता है। तिब्बत के पश्चात चाइना नेपाल, लद्दाख, सिक्किम, भूटान और अरुणाचल प्रदेश पर भी कब्जा करने के विचार में है। चीन ऐसा इसलिए करना चाहता है ताकि वह हिमालय के इलाके में अपना पूरा एकाधिकार मजबूत कर सके और इसके लिए चाइना के द्वारा लगातार कोशिशें तेज की जा रही है। आइए अब जानते हैं कि आखिर चीन की 5 फिंगर पॉलिसी क्या है।

पहली फिंगर- अरुणाचल प्रदेश

चाइना के द्वारा साल 1962 के युद्ध के दरमियान भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाके तक घुसपैठ करने में कामयाबी हासिल की जा चुकी थी और उसने काफी बड़े इलाके पर अपना कब्जा भी जमा लिया है। वर्तमान के समय में यहां पर जो गांव बसाए गए हैं उसे नेफा के नाम से जाना जाता है। इस इलाके में जब किसी भारतीय व्यक्ति के द्वारा यात्रा किया जाता है तो चाइना के द्वारा उसका विरोध किया जाता है। चाइना का मानना है कि वह भारतीय लोगों के पासपोर्ट को मान्यता नहीं देता है। हालांकि चाइना के पास ऐसा कोई सबूत भी मौजूद नहीं है जिसके बल पर वह साबित कर सके कि यह उसी की जमीन है।

दूसरी फिंगर- भूटान

चाइना की दूसरी फिंगर पॉलिसी के अंतर्गत भूटान देश आता है जिस पर लंबे समय से चाइना के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि भूटान उसकी जमीन के अंतर्गत आता है। हालांकि हमारे देश के द्वारा भी भूटान के साथ आर्मी समझौता किया गया है जिसके तहत भारत भूटान देश को आर्मी की सहायता उपलब्ध करवाता है और भारतीय आर्मी के द्वारा इस देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली गई है। हालांकि कभी कभार चाइना के द्वारा भूटान देश में इन्वेस्ट करने की बात करके भूटान देश के राष्ट्रपति को अपने पाले में लेने का प्रयास किया जाता रहता है।

तीसरी फिंगर- सिक्किम

जब भारत देश आजाद हुआ था तब सिक्किम हमारे देश का हिस्सा नहीं था। हालांकि साल 1975 में सिक्किम को भारत में विलय कर दिया गया। हालांकि उस समय भी चाइना के द्वारा इसका काफी तगड़ा विरोध किया गया था, परंतु चाइना विरोध के बावजूद अपनी चाल में कामयाब नहीं हो सका। वर्तमान के समय में चाइना के द्वारा सिक्किम पर भी दावा किया जाता है और कई बार चाइना की आर्मी के द्वारा यहां पर घुसपैठ करने का प्रयास भी किया जा चुका है।

चौथी फिंगर- नेपाल

चीन के द्वारा नेपाल देश पर भी अपनी कुटिल निगाहें गड़ा कर रखी गई हैं। नेपाल के काफी बड़े इलाके पर चाइना के द्वारा कब्जा भी कर लिया गया है। इसके खिलाफ नेपाल के लोगों ने सड़कों पर उतर कर चीन के खिलाफ काफी तगड़ा विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किया था और एक से दो बार तो नेपाल के द्वारा भारत से भी चीन का विरोध करने के लिए आर्मी सहायता भेजने के लिए गुजारिश की जा चुकी है। भारत के द्वारा लगातार नेपाल को अनेक प्रकार की मदद दी जाती रहती है। हालांकि जब जब नेपाल में कम्युनिस्ट की सरकार बनी है तब तब नेपाल के भारत से रिश्ते खराब हुए हैं और चाइना से अच्छे हुए हैं क्योंकि चीन में भी वामपंथी अर्थात कम्युनिस्ट सरकार हमेशा आती है।

पांचवीं फिंगर- लद्दाख

लद्दाख को लेकर के चीन की क्या सोच है यह किसी से भी छुपी हुई नहीं है। चाइना आर्मी के द्वारा लगातार इंडिया के बॉर्डर में घुसपैठ करने का प्रयास किया जाता रहता है। लद्दाख के काफी बड़े इलाके पर पहले ही चाइना के द्वारा कब्जा किया जा चुका है, जिसे हम अक्साई चिन के नाम से जानते हैं। चीन आगे गलवान घाटी पर भी कब्जा करने के मूड में है, जहां पर साल 2020 में जून के महीने से काफी तनाव बना हुआ है। इस मुद्दे को लेकर के दोनों देशों के बीच तकरीबन 16 राउंड की बैठक भी हुई परंतु नतीजा कुछ भी नहीं निकला।

तो ये थी चीन की 5 फिंगर पालिसी, चाइना अपनी इस विस्तार वादी नीति को अपनाकर भारत के साथ-साथ अन्य पड़ोसी देशों की सीमाओं को अपने कब्ज़े में करना चाहता है.

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FAQ

Q : चीन की 5 फिंगर पालिसी का श्रेय किसे दिया जाता है?

Ans : चीन के पूर्व नेता माओ ज़ेडोंग

Q : चीन की 5 फिंगर पालिसी क्या है?

Ans : नेपाल, भूटान, लद्दाख, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश का उत्तर पूर्वी हिस्सा आदि.

Q : चीन की 5 फिंगर पालिसी के तहत LAC क्या है?

Ans : LAC लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल है. जोकि भारत और इंडिया की बॉर्डर है.

Q : चीन की 5 फिंगर पालिसी के तहत LAC की लंबाई कितनी है?

Ans : 3488 किलोमीटर लंबी, चीन का कहना है कि ये सिर्फ 2000 किलोमीटर लंबी है.

Q : अक्साई चिन किसके हिस्से में आता हैं?

Ans : भारत के हिस्से में आता था जिस पर चीन ने कब्जा कर लिया है.

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